पंजाब में इस समय बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. लगातार हो रही भारी बारिश के बाद हालात बिगड़ गए हैं. राज्य के 100 से ज्यादा गांव पानी में डूब चुके हैं. कई परिवार अपने ही घरों में कैद हो गए हैं. प्रशासन और सेना के जवान दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.
सेना और वायुसेना का रेस्क्यू अभियान
डेरा बाबा नाना इलाके में हालात गंभीर हैं. यहां वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बच्चों समेत नौ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. इसके बावजूद कई इलाकों में लोग अब भी फंसे हुए हैं.
37 साल बाद इतनी तबाही
विशेषज्ञों के अनुसार, 1988 के बाद पहली बार पंजाब में इतनी भयंकर बाढ़ देखने को मिल रही है. आठ जिलों में करीब 101 गांव सीधे प्रभावित हुए हैं. खेत-खलिहान पूरी तरह पानी में समा गए हैं. अजनाला क्षेत्र में तो हालात इतने खराब हैं कि कभी हरे-भरे दिखने वाले खेत अब समंदर जैसे दिखाई दे रहे हैं.
रावी नदी का जलस्तर बढ़ा
इस तबाही का सबसे बड़ा कारण रावी नदी मानी जा रही है. गुरदासपुर जिले के पास धोसी बांध टूट जाने से बाढ़ का पानी 15 किलोमीटर दूर अजनाला तक पहुंच गया. देखते ही देखते करीब 80 गांव जलमग्न हो गए. प्रशासन लगातार रेस्क्यू और राहत सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहा है.
हरियाणा में भी असर
केवल पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा में भी भारी बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पंचकूला जिले में नदी पार करने की कोशिश में एक बाइक सवार बह गया. हालांकि, स्थानीय लोगों ने उसकी जान बचा ली, लेकिन तस्वीरों ने हालात की गंभीरता साफ कर दी.
बारिश का मौसम अभी बाकी है और खतरा टला नहीं है. ऐसे में पंजाब सरकार और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है- लोगों की जान बचाना, उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचाना और राहत सामग्री उपलब्ध कराना.
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