MGNREGA Repeal Plan:'VB-G RAM G' बिल पेश होते ही सामने आया Priyanka Gandhi का रिएक्शन, किए कई सवाल

MGNREGA Repeal Plan: संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलकर VB-G RAM G बिल पेश किया गया. इस बिल के पेश होते ही सियासी पारा हाई है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा का रिएक्शन सामने आया है.

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Dheeraj Sharma
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MGNREGA Repeal Plan: संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलकर VB-G RAM G बिल पेश किया गया. इस बिल के पेश होते ही सियासी पारा हाई है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा का रिएक्शन सामने आया है.

MGNREGA Repeal Plan: संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा को निरस्त कर नए कानून लाने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार को घेरते हुए कहा कि मनरेगा पिछले दो दशकों से ग्रामीण भारत की रीढ़ बना हुआ है. यह योजना न सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराती है, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देती है. उनके मुताबिक, यह कानून इतना प्रभावशाली था कि इसके गठन के समय लगभग सभी राजनीतिक दलों की सहमति मिली थी.

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मनरेगा की ऐतिहासिक भूमिका

प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा ने देश के सबसे गरीब वर्ग को 100 दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी दी. यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का मजबूत ढांचा है. योजना के नाम बदलने पर उन्होंने भावनात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि महात्मा गांधी किसी एक परिवार के नहीं, बल्कि पूरे देश की साझा विरासत हैं और देश की जनता उन्हें उसी भावना से देखती है.

संविधान और पंचायती राज पर सवाल

प्रियंका गांधी ने नए कानून को संविधान के 73वें संशोधन के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि मनरेगा में रोजगार की मांग के अनुसार केंद्र सरकार को धन आवंटित करना पड़ता था, जिससे ग्राम सभाओं को अधिकार मिलता था. लेकिन नए कानून में बजट पहले से तय करने का प्रावधान है, जो पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करता है. उनके अनुसार, इससे गांवों की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक भागीदारी पर सीधा असर पड़ेगा.

राज्यों पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव

कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि पहले मनरेगा में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान देती थी, जबकि नए विधेयक में कुछ राज्यों को केवल 60 प्रतिशत सहायता मिलेगी. इससे राज्यों की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नियंत्रण बढ़ा रही है, लेकिन जिम्मेदारी कम कर रही है.

रोजगार दिन बढ़े, मजदूरी नहीं

प्रियंका गांधी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नए कानून में रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 किए गए हैं, लेकिन मजदूरी बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है. अंत में उन्होंने मांग की कि सरकार इस विधेयक को वापस ले, व्यापक चर्चा करे और संसद की सलाह से नया कानून लाए.

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