नेपाल में चल रही भीषण हिंसा के बीच कई भारतीय फंसे हुए हैं. उन्हें अपनी जान का डर सताने लगा है और वे सुरक्षित अपने देश लौटने की गुहार लगा रहे हैं.
हिमालय की गोद में बसा नेपाल इस समय हिंसा, अराजकता और डर के साये में जी रहा है. शांत और सुंदर दिखने वाला यह देश अब बगावत की आग में जल रहा है. सड़कों पर कर्फ्यू लगा है, बाजार खाली पड़े हैं, और हर तरफ गोलियों के छर्रे, जली गाड़ियों के अवशेष और धुएं से भरी इमारतें दिखाई दे रही हैं. जहां लोग परिवार और दोस्तों के साथ घूमते थे, वहां अब सन्नाटा छाया हुआ है. संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास से काले धुएं का गुबार निकल रहा है.
बताया जा रहा है कि नेपाल की सरकार ने कोर्ट के सामने हार मान ली और सेना की मदद से तख्तापलट कर दिया गया. इससे आम नागरिकों में डर का माहौल है. खासकर वे भारतीय जो नेपाल घूमने, पूजा या यात्रा पर गए थे, बेहद परेशान हैं. कोई नहीं जानता कब क्या हो जाए. वहां सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, सब कुछ ‘राम भरोसे’ चल रहा है. लोग फोन पर अपने परिवारों से संपर्क कर रहे हैं ताकि किसी खतरे से बचा जा सके. वे सुरक्षित घर लौटने की राह देख रहे हैं.
गुजरात के अहमदाबाद से 26 यात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर नेपाल गए थे. हिंसा के बीच एयरपोर्ट के पास फंस गए, लेकिन किसी तरह बचकर निकले. अब वे वहीं होटल में सुरक्षित हैं और अपने देश लौटने का इंतजार कर रहे हैं. उनके परिवारों की चिंता बढ़ गई है.
सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर
भारत सरकार ने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं- अहमदाबाद: 07927560511, गांधीनगर: 07923251900 और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास: 9779808602881, 9779810326134. भारतीय सेना की एक टीम पूर्वी नेपाल में तैनात कर दी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही सभी भारतीय सुरक्षित अपने देश लौट सकेंगे. हर कोई यही दुआ कर रहा है कि यह संकट जल्दी खत्म हो.
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