I Love Muhammad के जवाब में I Love Mahadev का पोस्टर वॉर, देशभर में फैला विवाद

‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ और ‘आई लव श्रीराम’ अभियान शुरू कर दिया है. काशी से मुंबई और उज्जैन तक बैनर-पोस्टर लगने से विवाद तेज हो गया है और सियासी घमासान भी बढ़ गया है.

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Deepak Kumar
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‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ और ‘आई लव श्रीराम’ अभियान शुरू कर दिया है. काशी से मुंबई और उज्जैन तक बैनर-पोस्टर लगने से विवाद तेज हो गया है और सियासी घमासान भी बढ़ गया है.

कानपुर में 5 सितंबर को लगाए गए ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर से शुरू हुआ विवाद अब कई राज्यों तक फैल चुका है. इस नारे और पोस्टर के जवाब में हिंदू संगठनों ने ‘आई लव महादेव’ और ‘आई लव श्रीराम’ अभियान शुरू कर दिया है. देखते ही देखते यह मुद्दा कानपुर से निकलकर काशी, झांसी, मुंबई और उज्जैन तक पहुंच गया.

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काशी और मुंबई में गूंजा ‘आई लव महादेव’

भगवान शिव की नगरी काशी से शुरू हुआ ‘आई लव महादेव’ कैंपेन तेजी से देशभर में फैल गया. मुंबई के गरबा पंडालों में भी लोग ‘आई लव महादेव’ लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे. अंधेरी, जोगेश्वरी, विक्रोली और मलाड जैसे इलाकों में हिंदू संगठनों ने जगह-जगह होर्डिंग और बैनर लगाए. वहीं, झांसी और अन्य शहरों में भी यह अभियान जोर पकड़ने लगा.

मुस्लिम संगठनों की प्रतिक्रिया

मुस्लिम समाज का कहना है कि मोहम्मद साहब से मोहब्बत जताना गलत नहीं है और न ही इस पर एफआईआर होनी चाहिए. उनका आरोप है कि ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई कर सरकार ने अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया. उनका कहना है कि अगर सभी धर्मों के लोग अपने-अपने ईश्वर या पैगंबर के प्रति प्यार जताएं तो किसी तरह की समस्या नहीं होनी चाहिए.

नेताओं की बयानबाजी से बढ़ा विवाद

यह विवाद जब मुंबई पहुंचा तो समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी सड़क पर उतरे और मुस्लिम समाज का पक्ष रखा. दूसरी ओर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भारत किसी एक के बाप का नहीं है, यहां कोई भी बैनर ऐसे नहीं लगा सकता. नेताओं के बयानों से यह मुद्दा और गरमा गया और इसे राजनीतिक रंग मिल गया.

उज्जैन में ‘आई लव महाकाल’ की धूम

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भी यह विवाद पहुंच गया. यहां महाकाल मंदिर क्षेत्र और गरबा पंडालों में ‘आई लव महाकाल’ के पोस्टर और बैनर लगाए गए. सोशल मीडिया पर भी ‘आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महाकाल’ की बहस छिड़ गई है.

सड़क से सोशल मीडिया और धर्मगुरुओं से लेकर नेताओं तक यह मामला गहराता जा रहा है. पोस्टरबाजी के इस विवाद ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में नया तनाव पैदा कर दिया है और हर दिन इसमें नया मोड़ देखने को मिल रहा है.

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