यूपी में बाढ़ ने कहर मचा रखा है. मथुरा समेत 23 जिले पानी में डूबे हुए हैं. मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे हालात और भी खराब हो गए हैं.
उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है. मथुरा समेत 23 जिले जलमग्न हो चुके हैं. तीन लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं और उन्हें राहत शिविरों और नावों के सहारे जीना पड़ रहा है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर और गांव पूरी तरह डूब चुके हैं. कई लोग घरों को छोड़ ऊंची जगहों पर पलायन कर चुके हैं. प्रशासन द्वारा चेतावनी दी जा रही है, लेकिन पर्याप्त मदद नहीं मिल रही है.
मथुरा में जलभराव और पलायन
मथुरा के बाणपुरा और लक्ष्मी नगर जैसे इलाकों में पूरी बस्तियां पानी में डूबी हुई हैं. घरों में पानी भर गया है और लोग छतों पर या ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं. कई लोग अपना सामान सिर पर लादे पलायन कर रहे हैं. बाजार बंद हैं, मंदिर जलमग्न हैं और आवश्यक चीजें भी नहीं मिल रही. स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है. लोग खुद अपने घरों का सामान निकालकर सुरक्षित जगह ले जा रहे हैं. नावों से आवागमन हो रहा है और लोग बहुत परेशान हैं.
प्रशासन की लापरवाही से बढ़ी मुश्किलें
त्रिपाल डालकर लोग किसी तरह रात गुजार रहे हैं. कई परिवारों ने बताया कि उनके पास सिर्फ बर्तन और थोड़ा बहुत राशन है. गैस चूल्हा जैसे जरूरी सामान भी साथ नहीं ला पाए. प्रशासन की मदद नहीं मिलने के कारण लोग खुद ही राहत की कोशिश कर रहे हैं. कई जगहों पर बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही रोकी गई है, लेकिन घरों में फंसे लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों और पशुओं को लेकर लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं.
लोगों ने लगाई मदद की गुहार
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें तुरंत राहत और भोजन की जरूरत है. कई परिवार भूखे हैं और उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही. त्रिपाल और खुद के प्रयासों से किसी तरह बाढ़ से बच रहे हैं. लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं ताकि इस मुश्किल घड़ी में उनका साथ दिया जा सके. मथुरा में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है और स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है.
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