लगातार बारिश से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसका असर यह हुआ कि दिल्ली के निचले इलाकों में पानी भर गया है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
दिल्ली में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. यमुना नदी उफान पर है और इसका जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. शुक्रवार (05 सितंबर) सुबह 8 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का स्तर 207.31 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. यानी नदी का पानी अभी भी काफी ऊपर है.
इस वजह से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. अब तक करीब 14,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट और मयूर विहार जैसे इलाके पूरी तरह प्रभावित हैं. निगमबोध घाट, पुराना लोहा पुल, बुराड़ी, न्यू उस्मानपुर और नजफगढ़ में भी घरों और गलियों में पानी घुस गया है.
लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों और राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं. मयूर विहार और कालिंदी कुंज जैसे इलाकों में भी यमुना का पानी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है. दुकानों और घरों में पानी घुसने से लोगों का सामान खराब हो गया है.
प्रशासन अलर्ट
राहत शिविरों में बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं, लेकिन यहां गंदगी और भीड़ के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. मच्छरों के बढ़ने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया फैलने का डर है. डॉक्टरों की टीमें लगातार स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रही हैं.
गुरुवार (4 सितंबर) को हालात और बिगड़ गए थे, जब यमुना का पानी सिविल लाइंस जैसे अहम इलाके तक पहुंच गया. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सिर्फ सरकारी निर्देशों का पालन करें. मौसम विभाग ने शुक्रवार (5 सितंबर) को भी रेड अलर्ट जारी किया है.
कुल मिलाकर, दिल्ली इस समय बाढ़ जैसी आपदा से जूझ रही है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं. प्रशासन और एनडीआरएफ लगातार रेस्क्यू और राहत कार्य में जुटे हुए हैं.
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