जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचा दी है. लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. नदियां उफान पर हैं और हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. अनंतनाग में लिदर नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे आसपास के इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
भारतीय सेना ने नाव और हेलीकॉप्टर की मदद से राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया है. आरएसपुरा सेक्टर के शेरगढ़ में एक इमारत में फंसे 10 से 12 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, वहीं गढ़ीगढ़ में एक बच्चे सहित 7 लोगों को बचाया गया. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
नदियां खतरे के निशान से ऊपर
आपको बता दें कि तवी, चिनाब और झेलम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. पुल और सड़कें पानी में डूब गई हैं. जम्मू शहर सहित कई गांवों में पानी घुसने से लोग घरों में फंस गए. हालात को देखते हुए जम्मू संभाग के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं और 10वीं-11वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.
ट्रेन और सड़क यातायात प्रभावित
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जम्मू-कश्मीर में रेल यातायात भी ठप हो गया है. वंदे भारत एक्सप्रेस समेत 10 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई हैं. चक्की नदी में जलभराव के कारण कई रूटों पर ट्रेनें नहीं चल रहीं. इसके अलावा जम्मू-श्रीनगर हाईवे समेत कई नेशनल हाईवे बंद कर दिए गए हैं.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश और बादल फटने का अलर्ट जारी किया है. प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और सावधानी बरतने की सलाह दी है.
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