अमेरिका और ब्रिटेन में कोरोना का नया XFG ‘स्ट्रेटस’ वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. यह ओमिक्रोन के दो सबस्ट्रेन का हाइब्रिड है और इम्यून सिस्टम को आंशिक रूप से चकमा देता है. WHO ने बताया कि यह ज्यादा…
ठंड का मौसम शुरू होते ही अमेरिका और ब्रिटेन में कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है. इसे XFG कहा जा रहा है और आम भाषा में इसे स्ट्रेटस वेरिएंट भी कहते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में यह वेरिएंट अब तक 19 राज्यों में फैल चुका है. खासकर नेवादा, यूटा, कनेक्टिकट और डेलावेयर में इसके मामले ज्यादा देखे गए हैं.
अपशिष्ट जल में वायरस के बढ़ते स्तर
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की 20 सितंबर की रिपोर्ट के अनुसार, इन राज्यों के अपशिष्ट जल (Waste Water) में वायरस का स्तर ‘उच्च’ या ‘बहुत उच्च’ पाया गया है. इसका मतलब है कि यहां संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.
ब्रिटेन में भी बढ़े मामले
आपको बता दें कि ब्रिटेन में भी XFG और NB181 (Nimbus Variant) की वजह से कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं. ब्रिटिश सरकार की जीनोमिक निगरानी में पाया गया कि पिछले महीने 35% मामले XFG3, 28% (XFG), 11% (NB181), 7% (XFG5) और 7% (XFG341) से जुड़े थे.
वेरिएंट की खासियत
WHO के अनुसार, XFG ओमिक्रोन के दो सबस्ट्रेन का हाइब्रिड वेरिएंट है. इसे सबसे पहले जनवरी 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया था और अब यह पूरी दुनिया में फैल रहा है. यह वेरिएंट इम्यून सिस्टम को आंशिक रूप से चकमा दे देता है, इसलिए यह थोड़ा ज्यादा संक्रामक है. हालांकि, अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि यह गंभीर बीमारी नहीं पैदा कर रहा.
लक्षण क्या हैं?
XFG के लक्षण पहले के ओमिक्रोन वेरिएंट जैसे ही हैं:-
गले में खराश और खांसी
नाक बंद होना या बहना
बुखार, ठंड लगना और थकान
सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द
उल्टी, दस्त और सांस लेने में तकलीफ
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
WHO का कहना है कि मौजूदा कोविड-19 टीके XFG के खिलाफ प्रभावी बने रहेंगे. इसलिए समय पर वैक्सीन लेना जरूरी है. इसके अलावा:-
मास्क पहनना
भीड़भाड़ से बचना
हाथ धोना और स्वच्छता बनाए रखना
हल्के लक्षण पर भी आइसोलेशन करना और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
विशेषज्ञों का मानना है कि XFG वेरिएंट ने दुनिया को याद दिलाया है कि कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ. खासकर बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO लगातार डेटा पर नजर रख रहे हैं और सलाह दे रहे हैं. सतर्कता, स्वच्छता और टीकाकरण ही इस वेरिएंट से बचने का सबसे असरदार तरीका है.
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