Coronavirus: ठंड की दस्तक के साथ कोरोना ने पसारे पैर, XFG 'स्ट्रेटस' वैरिएंट का बढ़ा खतरा

कोरोनावायरस का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. अब भी यह महामारी दुनिया के कई इलाकों में मुश्किलें बढ़ा रही है. हालांकि समय के साथ इसका डर उतना नहीं रहा है, लेकिन बाजवूद इसके अब भी इससे सावधानी जरूरी है.

कोरोनावायरस का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. अब भी यह महामारी दुनिया के कई इलाकों में मुश्किलें बढ़ा रही है. हालांकि समय के साथ इसका डर उतना नहीं रहा है, लेकिन बाजवूद इसके अब भी इससे सावधानी जरूरी है.

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Dheeraj Sharma
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Covid New Variant XFG

Coronavirus: कोरोनावायरस का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. अब भी यह महामारी दुनिया के कई इलाकों में मुश्किलें बढ़ा रही है. हालांकि समय के साथ इसका डर उतना नहीं रहा है, लेकिन बाजवूद इसके अब भी इससे सावधानी जरूरी है. इस बीच खबर आ रही है कि कोरोना का नया वैरिएंट चिंता बढ़ा रहा है. जैसे-जैसे ठंड दस्तक दे रही है, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (UK) में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट XFG, जिसे आमतौर पर 'स्ट्रेटस' कहा जा रहा है, तेजी से फैल रहा है. यह वैरिएंट ओमिक्रॉन के दो सब-स्ट्रेन का हाइब्रिड रूप है, जो पहले जनवरी 2025 में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया गया था. इसके बाद यह वैश्विक स्तर पर फैलता चला गया, और अब अमेरिका व ब्रिटेन में तेजी से केस बढ़ा रहा है.

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19 अमेरिकी राज्यों में फैला संक्रमण

बता दें कि कोरोना का ये नया वैरिएंट अमेरिका के 19 राज्यों में फैल चुका है, जिनमें प्रमुख रूप से नेवादा, यूटा, कनेक्टिकट और डेलावेयर शामिल हैं. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, इन राज्यों के वेस्टवॉटर (अपशिष्ट जल) में इस वायरस की उपस्थिति "उच्च" या "बहुत उच्च" स्तर पर दर्ज की गई है, जो इसके तेजी से प्रसार का संकेत है. 

ब्रिटेन में भी बढ़े मामले

BBC की रिपोर्ट बताती है कि UK में भी XFG और NB.1.8.1 (जिसे 'निंबस' कहा जा रहा है) वैरिएंट के कारण कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं. ब्रिटेन में ठंड के मौसम के साथ-साथ यह वायरस अधिक सक्रिय होता दिख रहा है.

WHO ने बताया निगरानी योग्य वैरिएंट

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने 25 जून 2025 को जारी एक रिपोर्ट में XFG को ऐसा SARS-CoV-2 वैरिएंट बताया है, जिसे “मॉनिटरिंग में रखने योग्य” श्रेणी में रखा गया है. इसका अर्थ है कि भले ही यह अत्यधिक गंभीर न हो, लेकिन इसके तेजी से फैलने और इम्यून सिस्टम को धोखा देने की क्षमता को देखते हुए इस पर लगातार नजर रखना आवश्यक है.

कितना खतरनाक है XFG?

अब तक की जानकारी के अनुसार, XFG वैरिएंट ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं पैदा करता. यह पुराने ओमिक्रॉन स्ट्रेन्स के मुकाबले थोड़ा अधिक संक्रामक जरूर है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर या मौतें अधिक नहीं बढ़ी हैं. WHO का कहना है कि मौजूदा वैक्सीन्स इससे सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं, हालांकि हल्के संक्रमण की संभावना बनी रहती है.

संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

- गले में खराश

- खांसी

- नाक बंद या नाक बहना

- बुखार या सर्दी लगना

- सांस लेने में कठिनाई

- थकावट

- सिरदर्द

- मांसपेशियों में दर्द

- मतली, उल्टी या दस्त

सावधानी ही सुरक्षा है

हालांकि XFG घातक नहीं है, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता इसे नजरअंदाज करने लायक नहीं बनाती. विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, टीकाकरण करवाएं और हाथों की सफाई पर ध्यान दें. बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग विशेष सावधानी बरतें. 

XFG 'स्ट्रेटस' वैरिएंट एक नई चुनौती जरूर है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. समय रहते उचित सावधानी और जागरूकता से इस पर काबू पाया जा सकता है. 

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