चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार (18 अगस्त) से भारत दौरे पर आ रहे हैं. यह दौरा दो दिनों का होगा और इसे भारत-चीन संबंधों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. वांग यी अपने दौरे के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इन बैठकों में सीमा विवाद सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी.
यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार के संकेत मिले हैं, जैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत और पर्यटक वीजा पर बातचीत. उम्मीद है कि इस दौरे से भारत-चीन रिश्तों में नई सकारात्मक पहल देखने को मिलेगी.
डोभाल और जयशंकर से अहम बैठकें
वांग यी अपने भारत दौरे के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में सीमा पर तनाव कम करने और विश्वास बहाली को लेकर ठोस चर्चा होगी. इसके अलावा वे विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
पीएम मोदी की चीन यात्रा की तैयारी
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि वांग यी का भारत आना पीएम मोदी की संभावित चीन यात्रा की जमीन तैयार कर सकता है.
रिश्तों में सुधार के संकेत
पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार देखा गया है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का दोबारा शुरू होना, चीनी नागरिकों को भारत में पर्यटक वीजा देने पर चर्चा और सीधी उड़ानों को बहाल करने की योजना इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं.
भारत और चीन एशिया की दो बड़ी ताकतें हैं. ऐसे में वांग यी का यह दौरा न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अमेरिका और अन्य देशों की निगाहें भी इस मुलाकात पर टिकी हुई हैं.
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