Chandra Grahan 2025: 100 साल बाद दुर्लभ चंद्र ग्रहण, रविवार को इस टाइम से हो जाएं सावधान

रविवार (7 सितंबर) को साल का दूसरा और खास चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह 100 साल में एक बार बनने वाला दुर्लभ संयोग है. रात 9:58 बजे से ग्रहण शुरू होगा. इस दौरान सूतक काल लगेगा, इसलिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए और शुभ कार्यों से बचना चाहिए.

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Deepak Kumar
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रविवार (7 सितंबर) को साल का दूसरा और खास चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह 100 साल में एक बार बनने वाला दुर्लभ संयोग है. रात 9:58 बजे से ग्रहण शुरू होगा. इस दौरान सूतक काल लगेगा, इसलिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए और शुभ कार्यों से बचना चाहिए.

रविवार (7 सितंबर) रात को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण बेहद ही खास है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि चंद्र ग्रहण क्यों लगता है और इस दौरान कौन-कौन सी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए? तो आइए चंद्र ग्रहण से जुड़ी सारी बातें विस्तार से जानते हैं.

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वैज्ञानिकों के अनुसार जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो चंद्रमा तक पहुंचने वाली रोशनी रुक जाती है. इस वजह से चंद्रमा लाल रंग का दिखता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है. यह ग्रहण पितृ पक्ष के समय हो रहा है, इसलिए इसे 100 साल में एक बार होने वाला खास संयोग माना जा रहा है.

धार्मिक मान्यताएं

सनातन धर्म में ग्रहण को अशुभ समय माना जाता है. इस दौरान मंदिर बंद कर दिए जाते हैं और शुभ कार्य नहीं किए जाते. ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों की सफाई, स्नान और पूजा की जाती है. भोजन में तुलसी डालकर उसे सुरक्षित रखा जाता है क्योंकि माना जाता है कि ग्रहण के समय सूक्ष्म जीव सक्रिय हो जाते हैं. साथ ही मंत्रों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए महामृत्युंजय, गायत्री मंत्र या भगवान के नाम का जाप करना लाभकारी माना गया है.

सूतक काल और समय

इस बार सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले यानी दोपहर से शुरू होगा. चंद्र ग्रहण रात 9:58 से शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1:26 तक रहेगा. ब्लड मून का नजारा रात 11 बजे से 12:20 तक दिखाई देगा.

गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय घर के अंदर रहना चाहिए. नुकीली चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए और सोने से बचना चाहिए. ध्यान, भजन और प्रार्थना करना सबसे अच्छा माना गया है.

ग्रहण के बाद क्या करें?

ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल से स्नान करें, साफ कपड़े पहनें, घर की सफाई करें और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान करें. इससे आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.

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