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अखिलेश यादव ने दिये संकेत, लालू की रैली में हो सकता है सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से गठबंधन के संकेत दिये हैं।

Updated on: 01 Jun 2017, 11:09 AM

highlights

  • अखिलेश यादव ने बीसपी-सपा गठबंधन पर कहा, लालू की रैली में जो भी ऐलान करना होगा हो जाएगा
  • कांग्रेस से गठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा कि मेरी और राहुल गांधी की दोस्ती हमेशा रहेगी
  • लालू यादव ने पटना में 27 अगस्त को 'बीजेपी भगाओ, देश बचाओ' रैली का ऐलान किया है

नई दिल्ली:

देशभर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विपक्ष महा-गठबंधन का रास्ता तलाश रहा है। इस बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से गठबंधन के संकेत दिये हैं।

अखिलेश यादव ने गठबंधन पर कहा, 'मैं 27 अगस्त को लालू यादव की बिहार रैली में शामिल रहूंगा इस रैली में मायावती भी रहेंगी, अगर वहां पर केन्द्र सरकार के खिलाफ कोई गठबंधन होता है तो इसका वहीं पर ही ऐलान किया जाएगा।'

कांग्रेस से गठबंधन पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सैफई में कहा, 'मेरी और राहुल गांधी की दोस्ती हमेशा रहेगी।'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे पर अखिलेश ने कहा, 'भगवान् तो दिल में रहते हैं, हम भी पूजा करते हैं। बीजेपी को बहुमत मिला है वे उनकी सरकार से बेहतर काम करके दिखाएं।'

लालू यादव ने पटना में 27 अगस्त को 'बीजेपी भगाओ, देश बचाओ' रैली का ऐलान किया है। जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम दल, टीएमसी समेत विपक्ष के ज्यादातर दलों के शामिल होने की उम्मीद है। लालू रैली के माध्यम से विपक्ष की एकजुटता का संकेत देना चाहते हैं। उनकी कोशिश है कि समान विचारधारा वाले लोगों को साथ लाया जाय।

पिछले दिनों सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की थी। 26 मई को सोनिया के नेतृत्व में विपक्षी दलों की बैठक दिल्ली में हुई थी। जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिस्सा लिया था।

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द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की कनिमोझी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी.राजा, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीतराम येचुरी तथा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए थे।

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