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VIDEO : सीएम योगी बताएं मेरे पति का क्यों हुआ एनकाउंटर, तभी होगा अंतिम संस्कार: मृतक की पत्नी

कल्पना ने सवाल उठाया कि गाड़ी न रोकने पर गोली चलाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया. उन्होंने योगी सरकार से न्याय की मांग की है.

Updated on: 29 Sep 2018, 02:51 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार तड़के एप्पल के सेल्स मैनेजर को एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी, जिसमें उनकी मौत हो गई. इस बीच पूरे मामले को लेकर एप्पल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा कि गोली मारकर हत्या करने के बाद लखनऊ पुलिस पति को चरित्रहीन साबित करने में लगी है. कल्पना ने सवाल उठाया कि गाड़ी न रोकने पर गोली चलाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया. उन्होंने योगी सरकार से न्याय की मांग की है. इतना ही नहीं कल्पना ने योगी सरकार से एक करोड़ रुपये और पुलिस महकमें में नौकरी की भी मांग की है।

मृतक की पत्नी ने सीएम योगी से मांग करते हुए कहा है कि जब तक वह ख़ुद आकर इस मामले को नहीं देख लेते मृतक शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

कल्पना ने बताया कि पति यह कहकर घर से निकले थे कि आज नए फोन की लॉचिंग है तो देर हो जाएगी. रात में डेढ़ बजे पति से बात भी हुई थी तो उन्होंने बताया कि सना को घर छोड़ने के बाद कुछ ही देर में आ रहे हैं.

कल्पना तिवारी के अनुसार, जब वह लोहिया अस्पताल पहुंचीं तो काफी देर तक पुलिस और डॉक्टर टालमटोल करते रहे. पति से मिलने भी नहीं दिया. गोली लगने की भी बात नहीं बताई. काफी देर बाद डॉक्टर से जबरदस्ती करने पर उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट के कारण विवेक का काफी खून बह गया था, जिसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका.

उन्होंने बताया कि जब वह घटनास्थल पर पहुंची तो गाड़ी का हाल देख उन्हें पता लगा कि विवेक को गोली लगी थी. कल्पना तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी से सवाल किया कि आखिर पुलिस वालों को गोली चलाने का अधिकार किसने दिया. विवेक ने गाड़ी न रोककर ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया था.

इससे पूर्व मृतक के सहयोगी ने बताया कि पुलिस कांस्टेबल चेकिंग के दौरान एप्पल के सेल्स मैनैजर विवेक तिवारी को रोकने में असफल रहा और फिर उनका पीछा कर गोली मार दी.

घटना देर रात करीब 1.30 बजे हुई, जब तिवारी अपनी सहकर्मी सना खान के साथ आईफोन एक्स प्लस के लॉन्च के बाद घर जा रहे थे.

लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने कहा कि सना द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद कांस्टेबल प्रशांत चौधरी पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है.

पुलिस के मुताबिक, जब गोमतीनगर एक्सटेंशन पर जांच के दौरान तिवारी को रुकने का संकेत किया गया, तो उन्होंने वहां से भागने की कोशिश की.

अधिकारी ने कहा कि तिवारी भागने लगे और एक बाइक को टक्कर मार दी, जिस पर दो कांस्टेबल सवार थे, जिन्होंने फिर उनका पीछा किया और कांस्टेबल ने खुद को बचाने के लिए तिवारी को गोली मारी.

मृतक विवेक तिवारी के रिश्तेदार विष्णु शुक्ला ने कहा कि क्या वह आतंकवादी थे जो पुलिस ने गोली मार दी? हम योगी आदित्यनाथ को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं, हम चाहते हैं कि वह इस घटना का संज्ञान लें और निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करें.'

वहीं इस घटना की चश्मदीद महिला ने कुछ भी बताने से इनकार करते हुए कहा, 'मैं अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हूं. मैं भी चाहती हूं कि दोषियों को सज़ा मिले. मुझे सच छिपाने को लेकर कोई दबाव नहीं है.'

वहीं आरोपी कॉन्स्टेबल प्रशांत का कहना है कि सेल्फ डिफेंस में गोली चलाई. उसने कहा कि 'हम पेट्रोल ड्यूटी पर थे. रात के करीब डेढ़ बजे हमने एक संदिग्ध कार को देखा, जिसकी लाइट बंद थी. हम कार के नजदीक गये. जैसे ही हम पास गये, कार में बैठे शख्स ने गाड़ी स्टार्ट कर दी. हमने कार के सामने अपनी गाड़ी खड़ी की. कार ने हमारी बाइक को टक्कर मारी. हमने उसे रुकने को कहा. उसने कार को रिवर्स में किया और फिर से बाइक को टक्कर मारी. हम उसे बाहर निकलने के लिए कह रहे थे. मगर उसने तीसरी बार भी गाड़ी रिवर्स की और पूरी ताकत के साथ बाइक को टक्कर मारी. मैं जमीन पर गिर गया. उसके बाद में उठा और पिस्तोल निकाल कर उसे डराया. वह मुझे कुचलना चाह रता था, इसलिए मुझे आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी.'

उधर, एडीजी कानून व्‍यवस्‍था आनंद कुमार ने कहा, 'हमने इसे हत्‍या का मामला मानते हुए केस दर्ज किया है. दो सिपाहियों को अरेस्‍ट कर लिया है और उन्‍हें जेल भेजने की कार्रवाई हो रही है. इस पूरे मामले को हम हत्‍या का मामला मान रहे हैं.' उन्‍होंने कहा कि कॉन्‍स्‍टेबल की गलती है. घटना को देखकर लग रहा है कि गोली चलाने वाले हालात नहीं थे. एडीजी ने साथ ही कहा कि अपराध हुआ है पर यह एनकाउंटर नहीं है.

इस मामले में उत्त प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जांच जारी है. पुलिस द्वारा अगर किसी निर्दोष को मारा गया है, तो जांच होगी. जो भी इस जांच में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

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डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डायरेक्टर देवेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि विवेक तिवारी को गोली लगने के बाद इलाज के लिए लाया गया था. उन्होंने बताया, 'विवेक तिवारी के कान के पास बाईं तरफ बुलेट इंजरी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.'