UP: मेरठ में चल रहा था अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज, सरकार को हो रहा था भारी नुकसान, दबिश में 4 आरोपी गिरफ्तार

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को पकड़ा है.

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक अवैध इंटरनेशनल कॉल एक्सचेंज का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को पकड़ा है.

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Yashodhan.Sharma
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Meerut illegal International call exchange

Representative Image Photograph: (Social)

Meerut Crime News:  उत्तर प्रदेश में मेरठ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक अवैध तरीके से इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन किया जा रहा था, जिसका पुलिस ने पर्दाफाश किया है. रिपोर्ट में सामने आया है कि इस एक्सचेंज में वीओआईपी कॉल को लोकल कॉल में बदलने का काम किया जा रहा था और इससे सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य फरार बताए जा रहे हैं. इसके अलावा मौके से 200 से ज्यादा सिम कार्ड, सिम बॉक्स और अन्य उपकरणों की बरामदगी हुई है.

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ये है पूरा मामला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरा मामला लखीपुरा इलाके का है, जहां जुनैद नाम के युवक के घर की ऊपरी मंजिल पर अवैध इंटरनेशनल टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन हो रहा था. पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी जिसके आधार पर छापेमार कार्रवाई की. वहीं, पकड़े गए आरोपियों की पहचान जुनैद, उसके भाई शकीब, अरिस और आसिफ के रूप में हुई है. वहीं तीन आरोपी शाहरुख, जीशान और हाजी इरफान फरार चल रहे हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

सरकार को हो रहा था नुकसान

पुलिस ने बताया कि आरोपी अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कॉल को सामान्य वॉयस कॉल में बदलते थे. इससे कॉल करने वाले की पहचान छिप जाती थी और सरकार को राजस्व का घाटा झेलना पड़ रहा था. इस गोरखधंधे से आरोपी रोजाना 20 हजार से 25 हजार रुपये तक की कमाई कर रहे थे. वहीं, जांच में सामने आया कि जुनैद और जीशान ने ये पूरी प्लानिंग की थी. इस धंधे को शुरू करने के लिए उन्होंने हाजी इरफान से चार लाख रुपये का इनवेस्टमेंट कराया था. उसे मुनाफे में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी देने का वादा किया था.

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इसके बाद इन्होंने आसिफ को इस गिरोह में शामिल कर लिया. उसने 3.45 लाख रुपये की लागत से यह अवैध कॉल एक्सचेंज तैयार किया. वहीं शाहरुख ने इस नेटवर्क को सिम कार्ड, सिम बॉक्स और टेक्निकल हेल्प की. फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), के तहत विभिन्न अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है.  

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