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जानें बस की सीट और बनारसी पान की पीक पर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा कि सभी ने लगाए ठहाके

यहां उन्होंने भगवान शिव की अराधना के साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया.

Updated on: 27 May 2019, 02:49 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान शिव की अराधना के साथ ही बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने बस की सीट फाड़ने वालों और पान की पीक थूकने वालों पर भी तंज कसा. पीएम ने कहा कि कुछ लोग पान की पीक थूककर बोलते हैं भारत माता की जय. ऐसे कैसे भारत माता की जय होगी? जो भी चीज सरकारी है, वह देश के हर व्यक्ति की है.

पीएम ने लोगों को उनके देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य को समझने की अपील की. पीएम ने कहा, 'इस देश का नागिरक अपने कर्तव्यों का पालन करे तो किसी के अधिकारों का हनन होने वाला नहीं है. आजादी का आंदोलन चला तो सबके भीतर ऐसी भावना थी कि हम देश के लिए मर मिटते थे. पर, आजाद होने के बाद हम कहने लगे कि यह सरकारी स्कूल है, वह सरकारी अस्पताल है...वह सरकारी नहीं....वह तेरा है... तुम उसके मालिक हो... जो भी सरकारी है, वह भारत के हर नागरिक का है. भारत का हर नागरिक उसका मालिक है. एक नागरिक के नाते यह हमारा कर्तव्य है.'

अपना पुराना स्कूटर दिन में चार बार धुलते हो

पीएम ने आगे कहा, 'अपना स्कूटर हो तो हम दिन में चार बार साफ करते हैं. 20 साल पुराना हो, कलर उखड़ गया हो... फिर भी बराबर घिसकर चमका-चमकाकर बाहर निकालते हैं. पर, सरकारी बस में बैठें और बगल में सीट खाली हो और नींद आती नहीं हो, तो हम करते क्या हैं? सीट में ऊंगली डालते हैं. यहां सबने किया होगा. सीट के अंदर दो तीन इंच का जब तक गड्ढा नहीं हो जाता हमको चैन नहीं आता है.'


भारत माता की जय बोले और फिर पान खाकर...

बनारसी पान को लेकर तंज कसते हुए पीएम ने कहा, 'भारत माता की जय बोले और फिर बनारसी पान खाकर ...अरे ये कौन सा भारत माता की जय है भाई..... इस सोच को बदलने की जरूरत है. उसी मां को गंदा करें, जिनका जयकारा हम लगाएं तो यह फिर सही नहीं है. हमें सोच बदलने की जरूरत है. जिस भावना से हमने आजादी की लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह की भावना आज भी जरूरी है. देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको एक साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा. अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए राष्ट्रहित में अपना योगदान देना होगा.'