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उत्तर प्रदेश चुनाव: लखनऊ कैंट से मुलायम की छोटी बहू अपर्णा के सामने होंगी बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी, दिलचस्प हुआ मुकाबला

अपर्णा जिस सीट पर बतौर उम्मीदवार खड़ी हैं, वहां से सपा कभी जीत हासिल नहीं कर सकी है। जबकि रीता बहुगुणा ने पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस की ओर लड़ते हुए 21 हजार 753 वोटों से जीत हासिल की थी।

Updated on: 24 Jan 2017, 11:13 AM

highlights

  • लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी कभी चुनाव नहीं जीत सकी है
  • रीता बहुगुणा के मुकाबले राजनीतिक अनुभव कम लेकिन पारिवारिक विरासत के कारण कांटे का होगा मुकाबला
  • शिवपाल खेमे की मानी जाती हैं अपर्णा यादव, पीएम मोदी की कर चुकी हैं तारीफ

नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तीसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में पार्टी ने 37 उम्मीदवारों की घोषणा की और कांग्रेस से गठबंधन के बाद बदले समीकरण के तहत तीन सीटों पर उम्मीदवार बदले गए। लेकिन इस लिस्ट में सबसे दिलचस्प नाम अपर्ण यादव का है।

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और अखिलेश यादव के सौतेल भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा को लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया है। अपर्णा का सामना इस सीट पर कांग्रेसे छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी से होगा।

लिहाजा, यह तय है कि यूपी विधानसभा चुनाव का सबसे रोचक और कांटे का मुकाबला यहां देखने को मिलेगा।

समाजवादी पार्टी ने कैंट से कभी चुनाव नहीं जीता

अपर्णा जिस सीट पर बतौर उम्मीदवार खड़ी हैं, वहां से सपा कभी जीत हासिल नहीं कर सकी है। जबकि रीता बहुगुणा ने पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस की ओर लड़ते हुए 21 हजार 753 वोटों से जीत हासिल की थी। रीता बहुगुणा अब बीजेपी के साथ हैं। इसलिए समीकरण कितना बदला है, यह भी देखना होगा।

अपर्णा बनाम रीता बहुगुणा जोशी

अपर्णा को राजनीति में सक्रिय हुए एक से डेढ़ साल हुए हैं। वहीं, रीता बहुगुणा पिछले 30 वर्षों से राजनीति में अपना डंका बजा रही हैं। रीता बहुगुणा राजनीति का जाना पहचाना नाम है और उनकी छवि भी साफ सुथरी रही है। हालांकि, फिर भी रीता के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि यूपी में अपर्णा का राजनीतिक बैडग्राउंड बेहद मजबूत है।

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रीता बहुगुणा को भरोसा है कि पिछले पांच साल में उन्होंने जो काम कराये हैं, उससे उन्हें फायदा होगा। जबकि अपर्णा खुद को कैंट क्षेत्र से जुड़ा हुआ बताकर अपना दावा ठोक रही हैं।

अखिलेश खेमे की ही हैं अपर्णा?

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच हाल में सामने आई खींचतान में अपर्णा को शिवपाल खेमे का माना जाता है। मुलायम ने अपनी लिस्ट में अपर्णा को जगह दी थी जबकि पूर्व में अखिलेश ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था। अपर्णा 2014 में भी तब सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने कहा था कि यूपी में भौकाल मंत्रालय काम करता है। तब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी और एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह के पैर छूकर सियासी खलबली मचा दी थी।

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