Maha Kumbh 2025 Stampede: महाकुंभ में इनदिनों आस्था की भीड़ उमड़ी हुई है. बुधवार को मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान के लिए देशभर से कई करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे. संगम पर पवित्र स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि मंगलवार रात घाट पर भगदड़ मच गई. जिसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए. इस घटना ने संगम नगरी में पहले हुए ऐसे हादसों की याद ताजा कर दीं. हालांकि अब हालात सामान्य है और लाखों श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगा रहे हैं.
2013 में भी मची थी भगदड़
तीर्थनगरी प्रयागराज में हर 12 साल बाद महाकुंभ होता है. इसके अलावा हर 6 साल बाद अर्धकुंभ का भी आयोजन होता है. ऐसे में कुंभनगरी में करोड़ श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं. इस बार का महाकुंभ 144 साल बाद हो रहा है. इसके चलते प्रयागराज में हर दिन करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
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मंगलवार को ही 5.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी, जबकि 29 जनवरी बुधवार को ही सुबह आठ बजे तक तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. इस बीच एक श्रद्धालु ने बताया कि साल 2013 में भी कुंभ के दौरान प्रयागराज में भगदड़ मच गई थी, लेकिन ये हादसा प्रयागराज जंक्शन पर हुआ था. जिसमें उनके पिता बाल-बाल बचे थे.
36 श्रद्धालुओं की हुई थी मौत
2013 में कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज पर मची भगदड़ में 36 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. ये हादसा 10 फरवरी 2013 को हुआ था और उस दिन भी मौनी अमावस्या का अमृत स्नान था. अमृत स्नान के लिए प्रयागराज जंक्शन पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे थे. प्लेटफार्म पर खड़े होने तक की जगह नहीं थी.
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ओवरब्रिज भी भीड़ से भरे हुए थे. लेकिन शाम करीब सात बजे प्लेटफार्म नंबर छह की ओर जाने वाले फुट ओवरब्रिज की सीढ़ियों पर अचानक भगदड़ मच गई. इस दौरान कई श्रद्धालु ओवरब्रिज से नीचे जा गिरे, जबकि कई भीड़ में कुचल गए. उस हादसे में 36 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे.
1954 में भी हुआ था कुंभ मेले में हादसा
प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले के लिए प्रशासन और राज्य सरकार ऐसे इंतजाम करती हैं कि करोड़ लोगों की भीड़ के बाद ही यहां कोई बड़ा हादसा नहीं हो पाता. लेकिन कभी-कभी ऐसे छोटे-मोटे हादसे हो जाते हैं. आजादी के बाद 1954 में पहली बार प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हुआ. तमाम सुरक्षा इंतजामों के बाद भी यहां भगदड़ मच गई. तभी भी मौनी अमावस्या के मौके पर त्रिवेणी घाट पर भगदड़ मच गई थी. जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान गई थी.