अगर आप भारतीय रेल में सफर करते हैं, तो आपने एक बात जरूर नोट की होगी. ट्रेन के बाथरूम में रखा स्टील का छोटा जग हमेशा लोहे की जंजीर से बंधा होता है. पहली नजर में देखने पर कई लोगों को लगता है कि ये चोरी से बचाने के लिए ऐसा किया गया है, लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है.
तो इसलिए बांधी जाती है जंजीर?
दरअसल, भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है. जब ट्रेन तेज रफ्तार से चलती है, तो उसके हर कोच में झटका और हिलना स्वाभाविक होता है. ऐसे में अगर जग खुला छोड़ दिया जाए, तो वह बाथरूम में इधर-उधर लुड़क सकता है. इससे न सिर्फ पानी फैल सकता है बल्कि यात्रियों को परेशानी भी हो सकती है.
ये भी रखा जाता है ध्यान
खासतौर पर बुजुर्ग, महिलाएं या बच्चे जब बाथरूम में जाते हैं, तो वहां फिसलने का खतरा अधिक होता है. अगर फर्श पर पानी गिरा हो, या जग पैरों से टकरा जाए, तो गिरने की आशंका रहती है. ऐसे में रेलवे ने व्यावहारिक समाधान के तौर पर जग को जंजीर से बांधने का फैसला किया.
कई लोग फेंक भी देते हैं
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि कई बार यात्री लापरवाही या मजाक में बाथरूम के सामान को उठाकर बाहर ले जाते हैं या कई लोग बाहर फेंक देते हैं. इससे अगला यात्री असहज महसूस करता है या उसे जग ढूंढना पड़ता है. जंजीर का उपयोग इस समस्या को भी खत्म करता है.
तो ये था मामला?
यानी ये सिर्फ चोरी रोकने का मामला नहीं है, बल्कि सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा से जुड़ा अहम कदम है. रेलवे की इस सोच के पीछे यात्रियों के बेहतर अनुभव की भावना छिपी है, जो छोटी-सी चीज़ में भी बड़ी बात सोचता है.
ये भी पढ़ें- घूमने का प्रोग्राम बनाने से पहले चेक कर लें कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट, रेलवे ने रद्द कर दी इतनी ट्रेनें