UPI से भुगतान लेने वालों की बढ़ी मुसीबतें, GST ड‍िपार्टमेंट का UP में चलने वाला है हंटर

जीएसटी ने यूपीआई से ऐसे लोगों की विस्तृत जानकारी मांगी है. अगर लेनदेन में गड़बड़ी पाई जाती है तो नोट‍िस भेजकर टैक्‍स, ब्‍याज और पेनाल्‍टी के ल‍िए एक्‍शन होगा.

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Shyam Sundar Goyal
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traders from up got stuck while accepting payments through upi

यूपीआई से भुगतान लेने वालों की बढ़ी मुसीबतें,जीएसटी ड‍िपार्टमेंट का चलने वाला है हंटर Photograph: (social media )

ऑनलाइन लेनदेन की बढ़ती संख्‍या से यूपीआई के माध्‍यम से दुकानदारों को काफी भुगतान लेना होता है.अभी तक यूपीआई से भुगतान लेने वाले बेफ‍िक्र थे क‍ि अपने ह‍िसाब से वह र‍िटर्न भर देंगे लेक‍िन नई खबर सामने आ रही है. जीएसटी ने यूपीआई से ऐसे लोगों की विस्तृत जानकारी मांगी है. अगर लेनदेन में गड़बड़ी पाई जाती है तो नोट‍िस भेजकर टैक्‍स, ब्‍याज और पेनाल्‍टी के ल‍िए एक्‍शन होगा. इस कदम से यूपी में कानपुर, लखनऊ समेत प्रदेश के हजारों ब‍िजनेसमैन का फंसना तय है. जीएसटी के इस एक्‍शन से व्‍यापार‍ियों में हड़कंप मच गया है और लोग अपने सीए के पास भाग रहे हैं. 

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दरअसल, जीएसटी ड‍िपार्टमेंट ने यूपीआई से दो कैटेगरी में भुगतान लेने वालों का डाटा मांगा है. इसमें पहले वह लोग हैं ज‍िन्‍होंने अभी तक जीएसटी का रज‍िस्‍ट्रेशन नहीं कराया है लेक‍िन ब‍िजनेस से 20 लाख रुपये से अध‍िक कमा चुके हैं. दूसरी कैटेगरी में वह डाटा मांगा गया है ज‍िसमें उत्पाद या माल की आपूर्ति बगैर जीएसटी रजिस्ट्रेशन के की गई है और 40 लाख रुपये का सालाना भुगतान हुआ है. व‍िभाग यह मानकर चल रहा है क‍ि यह बड़ी टैक्‍स चोरी है. इसल‍िए जानकारी आने के बाद अब नोट‍िस भेजने की तैयारी चल रही है और कईयों को तो नोट‍िस भेजा भी जा चुका है.

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इन पर ग‍िरेगी गाज 

जीएसटी ड‍िपार्टमेंट के इस एक्‍शन की गाज होटल, रेस्टारेंट, कार-बाइक सर्विस सेंटर, पान, चाय दुकानदारों पर तो ग‍िरेगी ही. इसके साथ ही  ट्रैवर्ल्स, गेस्ट हाउस, ब्यूटी पॉर्लर संचालकों समेत ऐसे व्यापारी जोकि सीधे तौर पर सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं और  बगैर रजिस्ट्रेशन 20 लाख से अधिक का भुगतान पा चुके हैं, उनका फंसना तय है. वहीं, बाइक-कार शोरूम, साड़ी, मिठाई, किराना, रियल इस्टेट या फिर कोई उत्पाद, माल बेचने का भुगतान यूपीआई के जरिए पाने वाले भी जीएसटी के रडार पर हैं. इन पर सालाना 40 लाख रुपये से अधिक पाने पर बड़ा एक्‍शन होने वाला है.

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क्‍या कहता है न‍ियम 

इस मामले में जीएसटी एक्‍सपर्ट का मानना है क‍ि यूपीआई से भुगतान के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना बेहद जरूरी है. अब जीएसटी विभाग ने ऐसे लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया है. सेवा क्षेत्र के लिए 20 लाख और उत्पाद की आपूर्ति के लिए 40 लाख का मानक है. इससे ज्यादा यूपीआई भुगतान सालाना लेने पर टैक्स, 18 फीसदी ब्याज व जुर्माना देना होगा. जुर्माना राशि 15 से 100 फीसदी तक हो सकती है. 

 

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