Income Tax Notice: सैलरी उठाते हैं? तो ध्यान रहे, इन 7 नोटिस में कभी भी फंस सकते हैं आप

अक्सर नौकरीपेशा लोग यह मान लेते हैं कि चूंकि उनके वेतन से टीडीएस कट गया है, इसलिए अब उन्हें आयकर विभाग की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. लेकिन हकीकत यह है कि एक छोटी सी गलती भी आयकर नोटिस का कारण बन सकती है.

अक्सर नौकरीपेशा लोग यह मान लेते हैं कि चूंकि उनके वेतन से टीडीएस कट गया है, इसलिए अब उन्हें आयकर विभाग की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. लेकिन हकीकत यह है कि एक छोटी सी गलती भी आयकर नोटिस का कारण बन सकती है.

author-image
Ravi Prashant
New Update
income tax News

मिल जाएंगे नोटिस Photograph: (NN/META AI)

अक्सर नौकरी करने वाले लोग यह मान लेते हैं कि उनकी सैलरी से TDS कट गया है, इसलिए अब उन्हें आयकर विभाग की कोई चिंता नहीं है. जबकि हकीकत यह है कि छोटी-सी गलती भी इनकम टैक्स का नोटिस दिला सकती है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि किन स्थितियों में आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है. यहां समझिए ऐसे 7 नोटिस जो सैलरीड क्लास को कभी भी मिल सकते हैं.

Advertisment

1. सेक्शन 143(1): इंटीमेशन नोटिस

जब आप ITR भरते हैं, तो विभाग उसका मिलान करता है. अगर आपकी कैलकुलेशन और विभाग की कैलकुलेशन में अंतर निकलता है, तो यह नोटिस भेजा जाता है. इसका जवाब 30 दिन के अंदर देना जरूरी होता है.

2. सेक्शन 139(9): गलत या अधूरा ITR

अगर आपने ITR गलत फॉर्म में भरा है या कोई जरूरी जानकारी छोड़ी है, तो यह डिफेक्टिव रिटर्न माना जाता है और नोटिस भेजा जाता है. इसे सुधारने के लिए लगभग 15 दिन मिलते हैं, नहीं करने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है.

3. सेक्शन 142(1): रिटर्न न भरने या दस्तावेज मांगने पर

अगर आपकी इनकम टैक्स योग्य है और आपने रिटर्न नहीं भरा है, या विभाग को आपके रिटर्न में दी गई जानकारी के लिए अतिरिक्त दस्तावेज चाहिए, तो यह नोटिस आता है. इसमें कारण बताना या दस्तावेज जमा करना पड़ता है.

4. सेक्शन 143(2): स्क्रूटनी नोटिस

यह थोड़ा गंभीर नोटिस होता है. अगर विभाग को संदेह हो कि आपने आय कम दिखाई है या खर्च ज्यादा दिखाए हैं, तो वह गहराई से जांच (Scrutiny) के लिए यह नोटिस भेजता है. आपको अपने दावों के सबूत देने पड़ते हैं.

5. सेक्शन 148: इनकम छुपाने पर

अगर विभाग को सबूत मिल जाए कि आपने कोई आय छिपाई है और उस पर टैक्स नहीं दिया, तो यह नोटिस आता है. इसमें पुराने सालों के रिटर्न की दोबारा जांच भी हो सकती है. 

6. सेक्शन 156: डिमांड नोटिस

अगर जांच के बाद तय हो जाए कि आप पर टैक्स, ब्याज या पेनल्टी बकाया है, तो यह नोटिस मिलता है. इसमें कुल राशि और भुगतान की समय सीमा लिखी होती है (आम तौर पर 30 दिन)

7. सेक्शन 245: पुराने बकाये से रिफंड काटना

अगर आपको इस साल रिफंड मिलना है, लेकिन पुराने साल का टैक्स बकाया है, तो विभाग नोटिस देकर बता देता है कि आपका रिफंड उसी बकाये में समायोजित किया जा रहा है. अगर आपको यह बकाया गलत लगता है, तो आप आपत्ति दर्ज कर सकते हैं. 

TDS कटने के बाद भी आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती. सही ITR भरना, समय पर जवाब देना और दस्तावेज तैयार रखना जरूरी है. वरना बिना वजह भी नोटिस मिल सकता है. इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है.

ये भी पढ़ें- पांच साल का इंतजार खत्म, अब एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

Income Tax
Advertisment