पीएम किसान योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी और इसके तहत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है. अभी तक 18 किस्त आ चुकी हैं और किसान 19वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
कुछ किसान भले ही 19वीं किस्त के लिए इंतजार में हों लेकिन कुछ किसानों को इस बार 440 वोल्ट का झटका लगने वाला है. इसका कारण है कि आधार-आधारित भुगतान प्रणाली, ई-केवाइसी प्रक्रिया, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण जैसे मानकों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा. अगर वह इन पैरामीटर्स को बाद में पूरा करते हैं तो उनकी रुकी हुई किस्तें जारी कर दी जाएंगी.
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फर्जी किसानों को बाहर दिखाया जाएगा रास्ता
पीएम किसान योजना को ट्रस्ट बेस्ड सिस्टम के तहत डिजाइन किया गया है जहां किसी कोई भी राज्य अपने यहां के किसान को सेल्फ डिक्लेरशन के आधार पर चयन करता है. शुरू में तो राज्यों ने आधार सीडिंग और अन्य तकनीकी प्रक्रियाओं को सरल बनाया था लेकिन जब बाद में फर्जी किसान इसमें घुस गए तो फिर अपात्र लाभार्थियों को रोकने के लिए सरकार ने कई तकनीकी हस्तक्षेप लागू किए हैं. इसके बाद ही 19वीं किस्त जारी होने की संभावना है.
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सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं
इस बारे में पीआईबी ने गाइडलाइन भी जारी की थी कि आयकर दाता, उच्च आय वर्ग के लोग और सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं. जिन लोगों ने इस तरीके से लाभ लिया था, उनसे राज्य सरकारों ने 335 करोड़ रुपये की राशि रिकवर की है. केंद्र की सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ केवल पात्र किसानों तक पहुंचे. इससे लगता है कि पहले तो सरकार ने सबके लिए इसे आसान बनाया था लेकिन फर्जी लोग इसमें भी घुस गए तो सरकार को फिर दूसरा कदम उठाना पड़ा.