Sambhal News: उत्तर प्रदेश का संभल जिला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. यहां 46 साल से बंद मिले शिव मंदिर के बाद से जारी खुदाई में काफी कुछ मिल रहा है, जो देशभर में चर्चा का केंद्र बन गया है. हाल ही में चंदौसी में प्राचीन बावड़ी मिली, जिसके बाद यहां भी पिछले 5 दिनों से खुदाई शुरू कर दी गई है. इस बीच अब पृथ्वीराज चौहान की बनाई बावड़ी सामने आई है.
किले पर भी मिला अतिक्रमण
जानकारी के मुताबिक ये मामला फिरोजपुर गांव का है. सूचना मिलते ही मौके पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI टीम भी पहुंच गई. यहां टीम फिरोजपुर किले में गई और किले का सर्वे किया. बता दें कि ये किला भी ASI की संरक्षित धरोहर है. मगर इसे भी अतिक्रमण का शिकार बनाया गया है. इसी के साथ ASI टीम सम्राट पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाई गई प्राचीन बावड़ी भी गई और उसका भी सर्वेक्षण किया.
दीवार गिराने के दिये आदेश
इस दौरान ASI टीम के साथ डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के साथी एसडीएम वंदना मिश्रा भी मौजूद रहे. टीम ने पूरे किले की हालत को परखा तो किले में प्रवेश करते समय किले के गेट पर ही दाएं तरफ दीवार देखी. यह दीवार किले के रास्ते पर ही बना दी गई थी. ये देख डीएम भड़क गए और उन्होंने फौरन ही इसे गिराने का आदेश दे दिया.
इसके बाद टीम को किले में एक कुआं भी दिखाई दिया, जिसकी आस-पास के ग्रामीण पूजा भी करते हैं. इसकी जानकारी भी टीम ने ली. इसी के साथ ASI टीम ने पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाई बावड़ी का भी दौरा किया और बावड़ी की भी बारीकी से जांच की. इस दौरान प्राचीन धरोहरों के ASI टीम ने फोटो और वीडियो भी बनवाए.
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इतिहास को संरक्षित करना चाहिए- जिलाधिकारी
इन सभी मामले को लेकर संभल जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा, 'हमने फिरोजपुर किले का दौरा किया, जो ASI द्वारा संरक्षित है. हमारे साथ एएसआई की टीम भी थी. उसके बाद, हमने नीमसार तीर्थ स्थल के नीचे एक कूप (कुआं) का दौरा किया, जो एकमात्र कूप है, जिसमें अभी भी पानी है. हमने राजपूत बावड़ियों (खुले कुओं) का भी दौरा किया. इसका इतिहास काफी समृद्ध है, इसलिए इसे संरक्षित और फिर से स्थापित करना जरूरी है'.
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