Petrol Diesel Price : जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ के बाद एक बार फिर से भारत समेत दुनिया के उन देशों की उम्मीद काफी बढ़ गई है, जो अपनी जरूरतों का 70 फीसदी से ज्यादा आयात करते हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर से गिरावट देखने को मिल सकती है. इस बात के संकेत देश के ऑयल मिनिस्टर हरदीप सिंह पूरी ने भी दे दिए हैं. वास्तव में डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका एक बार फिर से क्रूड ऑयल प्रोडक्शन मे इजाफा करेगा, जिसकी वजह से कच्चे तेल की सप्लाई ज्यादा होगी और कीमतें कंट्रोल में आएंगी, जिससे उन देशों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम होंगे जो अपनी जरूरत का 70 फीसदी से ज्यादा तेल इंपोर्ट करते हैं.
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क्या है पेट्रोलियम मंत्री का संकेत
आइए आपको बताते हैं कि देश के ऑयल मिनिस्टर ने किस तरह की जानकारी दी है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुआई वाले नए प्रशासन की तेल एवं गैस उत्पादन अधिकतम करने की योजनाओं को देखते हुए भारत में अधिक अमेरिकी तेल आने की संभावना है. पुरी ने यहां वाहन उद्योग निकास सियाम के नए कार्यक्रम में कहा कि भारत का तेल की सप्लाई करने वालों की संख्या पहले ही 27 से बढ़कर 39 हो गई है और अगर इससे अधिक तेल आता है तो भारत इसका स्वागत करेगा. पुरी ने तेल और गैस प्रोडक्शन बढ़ाने की दशा में ट्रंप प्रशासन के कदमों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अगर आप मुझसे पूछे कि क्या बाजार में और अधिक अमेरिकी फ्यूल आने वाला है तो मेरा जवाब हां है. अगर आप कहते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच फ्यूल की अधिक खरीद की प्रबल संभावना है तो इसका जवाब है हां.
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ऐसे कंट्रोल होंगे ईंधन के दाम
हालांकि पूरी ने यह कहा कि सरकार नए अमेरिकी प्रशासन की घोषणाओं पर बहुत सावधानी से नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लिए गए कुछ निर्णय प्रत्याशित थे और इन पर प्रक्रिया देने से पहले इंतजार करने की जरूरत है. हालांकि पूरी ने 2015 के पेरिस जलवायु समझौता से बाहर होने के नए अमेरिका सरकार के फैसले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. पेट्रोलियम मंत्री ने अमेरिका ब्राजील, गुयाना, सरीना और कनाडा से अधिक तेल आने का जिक्र करने के साथ कीमतों में गिरावट का संकेत भी दिया है. उन्होंने वाहन भी निर्माताओं से भारत बाजार के अधिक एथेनॉल मिश्रण वाले फ्लेक्स इंधन वालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कहा है. इसके साथ ही पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि देश बहुत जल्द 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने जा रहा है, जो निर्धारित समय से 5 साल पहले होगा. अगर अमेरिका तेल मार्केट में ज्यादा से ज्यादा आता है तो इंटरनेशनल मार्केट में अमेरिकी और खाड़ी देशों का तेल सस्ता होगा, जिसकी वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी और देश में महंगाई भी कंट्रोल रहेगी.