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अच्छा सिबिल स्कोर (CIBIL Score) क्या होता है और इसका कैल्कुलेशन कैसे करते हैं? जानिए यहां

जानकार कहते हैं कि सिबिल स्कोर (CIBIL Score) अगर 900 के करीब रहता है तो लोन पाना उतना ही आसान हो जाता है. इसके अलावा लोन को मंजूरी मिलने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है.

Updated on: 07 Sep 2021, 03:24 PM

highlights

  • क्रेडिट स्‍कोर कर्ज को चुकाने की किसी व्‍यक्ति की साख को नापने का पैमाना होता है
  • भुगतान में देरी या EMI डिफॉल्ट होने पर क्रेडिट स्कोर पर बहुत खराब असर पड़ता है

नई दिल्ली :

जब भी आप किसी लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो सबसे पहले सिबिल स्कोर (CIBIL Score) की बात सामने आती है. दरअसल, सिबिल स्कोर लोन के लिए सबसे Important पैरामीटर होता है जिससे तय होता है कि लोन मिल पाएगा या नहीं. साथ ही इससे लोन की ब्याज दर भी तय होती है. खासतौर पर होम लोन, पर्सनल लोन या फिर कार लोन लेते समय सिबिल स्कोर Important रोल निभाता है. बता दें कि सिबिल स्‍कोर कंज्‍यूमर की क्रेडिट हिस्‍ट्री को दिखाता है और यह तीन अंक का होता है. आमतौर पर सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच होती है. जानकार कहते हैं कि सिबिल स्कोर अगर 900 के करीब रहता है तो लोन पाना उतना ही आसान हो जाता है. इसके अलावा लोन को मंजूरी मिलने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है. 

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सिबिल कौन करता है कैल्कुलेट
आपको बता दें कि बैंक के जरिए लोन लेने में अक्‍सर क्रेडिट स्‍कोर और सिबिल का जिक्र होता है. हालांकि कई लोग इन दोनों में अंतर नहीं कर पाते हैं, जबकि इन दोनों में अंतर होता है. दरअसल, क्रेडिट स्‍कोर कर्ज को चुकाने की किसी व्‍यक्ति की साख को नापने का पैमाना होता है. बता दें कि देश में CIBIL स्कोर को कैल्कुलेट करने के लिए इस समय ट्रांसयूनियन सिबिल के अलावा इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और CRIF हाई मार्क क्रेडिट इंफॉर्मेशन सर्विसेज मौजूद हैं. आपको बता दें कि पहले ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड को क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्‍यूरो (इंडिया) लिमिटेड (सिबिल) के नाम से जाना जाता था. 

सिबिल स्कोर को प्रभावित करने वाले ये हैं फैक्टर
आमतौर पर सिबिल स्कोर कई अहम बातों पर निर्भर करता है. भुगतान में देरी या EMI डिफॉल्ट होने पर क्रेडिट स्कोर पर बहुत खराब असर पड़ता है. बता दें कि एक बैलेंस्ड क्रेडिट स्कोर में असुरक्षित और सुरक्षित दोनों तरह के लोन को शामिल किया जाता है. कई तरह के लोन का यह मिश्रण क्रेडिट स्कोर के ऊपर सकारात्मक असर डालता है. दरअसल, इससे यह बात जाहिर होती है कि वह व्यक्ति अपने फाइनेंस के बारे में काफी सावधान है. बता दें कि कई लोन के बारे में जानकारी हासिल करना आपके सिबिल स्कोर पर खराब असर डाल सकता है. सिबिल रिपोर्ट में नाम, जन्‍मतिथि, लिंग और पैन, पासपोर्ट नंबर, वोटर नंबर जैसी पहचान संख्‍या शामिल होती है. इसके अलावा पता और टेलीफोन नंबर भी दिए जाते हैं.  

जानकारों का कहना है कि एक अच्छा सिबिल स्कोर नया लोन दिलाने में काफी मददगार साबित होता है. लोन देने वाले वित्तीय संस्थान या बैंक 750 या उससे ज्यादा सिबिल स्कोर को अच्छा माना जाता है और यह Competitive Interest Rate पाने में मदद करता है. इसके अलावा तेजी से क्रेडिट एक्सेस दिलाने के साथ ही ज्यादा लोन अमाउंट दिलाने में भी मदद करता है. 900 से 800 के बीच सिबिल स्कोर को एक्सीलेंट, 799 से 740 को बहुत अच्छा, 739 से 670 को अच्छा, 669 से 580 को ठीक और 579 से 300 को खराब माना जाता है. 

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सिबिल स्कोर चेक करने का तरीका
कोई भी व्यक्ति अपने सिबिल स्कोर को ऑनलाइन चेक कर सकता है. इसके लिए आपको एक फाइनेंशियल सर्विस कंपनी की वेबसाइट पर जाना है और वहां पर फ्री सिबिल स्कोर कैलकुलेटर में जानकारी देनी है. कोई भी व्यक्ति सिबिल की ऑफिशियल वेबसाइट (www.cibil.com/creditscore/) पर टोकन अमाउंट को भुगतान करने के साथ ही कुछ आसान स्टेप को फॉलो करके एक साल में अपना क्रेडिट स्कोर हासिल कर सकता है.