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सितंबर से सस्ती होंगी ये दवाएं, स्वास्थ्य मंत्रालय करने जा रहा है बड़ी घोषणा

cheap medicine: गरीब हो या अमीर दवाएं हर व्यक्ति की जरूरत होती है. क्योंकि बीमारी आर्थिक स्थिति देखकर नहीं आती. कई बार लोगों को दवा महंगी होने के चलते लंबा इलाज (long treatment)चलाने में परेशानी आती है. ऐसे लोगों को सरकार खुशखबरी देने वाली है.

Updated on: 31 Aug 2022, 04:15 PM

highlights

  • ट्रेड मार्जिन 150 फॉर्मूलेशन रखे जाने की खबर 
  • लंबी बीमारी के दौरान यूज होने वाली दवाओं के दाम होंगे कम 
  • रेमिडिसेविर सहित अन्य जरूरी दवाओं के दाम करने की तैयारी में सरकार 

नई दिल्ली :

cheap medicine: गरीब हो या अमीर दवाएं हर व्यक्ति की जरूरत होती है. क्योंकि बीमारी आर्थिक स्थिति देखकर नहीं आती. कई बार लोगों को दवा महंगी होने के चलते लंबा इलाज (long treatment)चलाने में परेशानी आती है. ऐसे लोगों को सरकार खुशखबरी देने वाली है. क्योंकि सितंबर से सरकार कुल 150 प्रकार की दवाओं के रेट कम करने जा रही है. इन दवाओं में लंबे उपचार के दौरान यूज होने वाली दवाएं (medicine used)शामिल है. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) इसकी पिछले एक माह से तैयारी कर रहा है. जानकारी के मुताबिक कुछ दवाओं पर ट्रेड मार्जिन कैंप (trade margin cap) को लागू करने की तैयारी की जा रही है. हालाकि मंत्रालय की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

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दरअसल, सरकार सिर्फ उन्हीं दवाओं के रेटों में कटौती करने की प्लानिंग कर रही है. जिनका यूज लंबे इलाज के दौरान किया जाता है.  जानकारी के मुताबिक पहले चरण में लगभग 150 फॉर्मूलेशन रखे जाएंगे और ट्रेड मार्जिन में 30-50 फीसदी तक रोक लगाने की सुझाव दिया गया है. हालाकि अभी दवाओं की लिस्ट तैयार की जा रही है कि रेट कटौती में कौन-कौनसी दवाएं शामिल करना ज्यादा जरूरी है.  आपको बता दें कि  ट्रेड मार्जिन कैपिंग को लेकर दवाओं की लिस्टिंग किए जाने की भी तैयारी चल रही है. हालाकि अभी दवाओं को शामिल करने वाली लिस्ट पर काम चल रहा है.

जानकारी के मुताबिक इस लिस्ट में  ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, सहित कैंसर की दवाएं भी शामिल है. यही नहीं कोरोनाकाल में महंगे दामों पर बिकने वाला  रेमिडिसेविर जैसी दवा भी शामिल करने की चर्चाएं हैं .कुछ पेटेन्ट वाली दवा को भी इसके दायरे में रखा गया है. नेशनल फार्मास्यूटिकल (NPPA) "सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड, कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO)" एम्स और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर इन दवाओं की लिस्ट तैयार की है.