UP की इन बेटियों की हुई चांदी, जन्म लेते ही 50,000 रुपए की बनेंगी मालकिन
Bhagya Lakshmi Yojna: अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. क्योंकि अब राज्य में किसी के लिए भी बेटी अभिशाप नहीं बनेगी. राज्य की सरकार जन्म लेते ही बेटी को 50,000 रुपे की मालकिन बना देती है.
highlights
- 50 हजार रुपए के अलावा बेटी की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी भी लेगी सरकार
- सरकार का उद्देश्य बेटी का आत्मनिर्भर बनाना व लिंगानुपात सामान्य करना
- कुछ जरूरी डॅाक्यूमेंटेशन के बाद बन जाती हैं स्कीम की लाभ की हकदार
नई दिल्ली :
Bhagya Lakshmi Yojna: अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. क्योंकि अब राज्य में किसी के लिए भी बेटी अभिशाप नहीं बनेगी. राज्य की सरकार जन्म लेते ही बेटी को 50,000 रुपे की मालकिन बना देती है. जी हां यहां बात हो रही है भाग्य लक्ष्मी योजना की. जिसके तहत पात्र बेटियों को 50,000 रुपए की धनराशि तो मिलेगी ही, उसके अलावा बेटी की पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही होगी. योजना की शुरूआत तो पहले ही हो चुकी है. लेकिन जानकारी के अभाव में कम लोग ही इसका लाभ ले रहे हैं. कुछ जरूरी डॅाक्यूमेंटेशन के बाद आपकी बेटी योजना के लाभ की हकदार बन जाती है.
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बेटियों को माना जाता है अभिशॅाप
दरअसल, कुछ लोग बेटी के जन्म होते ही मातम मनाते हैं. यही नहीं जन्म से पहले ही लिंग परीक्षण कराकर बेटियों को पेट ही मारने का पाप तक कर डालते हैं. जबकि देश में बेटियों ने अमिट छाप छोड़ी है. खेल के मैदान से लेकर इस देश के राष्ट्रपति भवन तक बेटियों ने अपनी सफलताओं की गाथाएं गाई हैं. इसलिए केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी बेटियों के लिए कई योजनाएं चलाती हैं. ताकि लिंगानुपात बना रहे. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी भाग्य लक्ष्मी योजना के नाम से स्कीम संचालित की थी. जिसमें बेटी के जन्म लेते ही 50,000 रुपए की मालकिन बेटी को बनाया जाता है. यही नहीं 12 कक्षा तक पूरी पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी भी सरकार की ही उठाती है.
क्या है भाग्य लक्ष्मी योजना?
भाग्य लक्ष्मी योजना उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात को सामान्य करने की लिए शुरू की गई थी. इसके अलावा गरीबी रेखा से नीचे जो परिवार जन्म लेते हैं ऐसे पात्र लोगों को इसका लाभ मिले. इसके लिए इसमें कई तरह की शर्त भी रखी गई थी. इसलिए बेटी के जन्म लेते ही ये योजना एक्टीव हो जाती है. साथ ही बेटी की उम्र जैसे ही 21 साल होती है वह इन पैसों को निकाल सकती है. 21 साल तक बेटी की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी सरकार की होती है. आपको बता दें कि सबसे पहले बेटी के जन्म लेते ही मां को बेटी के पोषण के लिए 5100 रुपए दिए जाते हैं. इसके बाद जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पड़ाव पर पैसा खाते में जमा होता रहता है...
योजना में रजिस्ट्रेशन का तरीका
इसके लिए पात्र परिजनों को कॅामन सर्विस सेंटर जाना होगा. साथ ही भाग्य लक्ष्मी योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा. आपको रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शुल्क नहीं देना है. रजिस्ट्रेशन बिल्कुल निशुल्क है. डॅाक्यूमेंट्स की अगर बात करें तो आपके पास यूपी का निवास प्रमाण पत्र, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, घर के पते का प्रूफ, बैंक अकाउंट डिटेल्स होना अनिवार्य है. ये सब दस्तावेज की फोटो कॅापी पोर्टल पर अपलोड की जाती है. साथ ही आपके दस्तावेजों के वैरिफिकेशन के बाद आपको योजना के लाभ से जोड़ दिया जाता है. पैसा सीधे बिटिया के खाते में जमा होता है. जैसे ही बेटी 21 साल की होती है इस पैसे की निकासी की जा सकती है..
इन महत्वपूर्ण पड़ावों पर जमा होगा खाते में पैसा
बिटिया का जन्म होते ही सरकार आपको कुल 50,000 रुपए बॅांड देगी. ये बॅांड बेटी के 21 साल के होने पर 2 लाख रुपए हो जाता है. बेटी के जन्म पर उसकी परवरिस के लिए 5100 रुपए मां को अलग से दिये जाते हैं. बेटी जैसे ही कक्षा 6 में पहुंचेगी तो उसके खाते में 3000 रुपए भेजे जाएंगे. 8वीं में पहुंचने पर 5000 रुपए, 10वीं में पहुंचने पर 7 हजार रुपए, 12वीं में पहुंचने पर 8 हजार खाते में क्रे़डिट किये जाते हैं.
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