New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/08/25/mobilecalling-48.jpg)
सुनील भारती मित्तल (Sunil Bharti Mittal)( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
सुनील भारती मित्तल (Sunil Bharti Mittal)( Photo Credit : फाइल फोटो)
भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल (Sunil Bharti Mittal) ने अगले छह महीने में मोबाइल सेवा (Mobile Services) शुल्क बढ़ने के संकेत दिए हैं. उन्होंने सोमवार को कहा कि कम कीमत पर इंटरनेट उपलब्ध कराना दूरसंचार उद्योग के लिए लम्बे समय तक व्यवहारिक नहीं है. मित्तल ने कहा कि 160 रुपये माह पर 16 जीबी इंटरनेट डाटा इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने इतनी सस्ती दर को एक त्रासदी बताया. वह भारती एंटरप्राइजेज के कार्यकारी अखिल गुप्ता की एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे.
यह भी पढ़ें: ड्राइविंग लाइसेंस और मोटर वाहन दस्तावेजों की वैलिडिटी 31 दिसंबर तक बढ़ी
अगले छह महीने में ARPU 200 रुपये पार कर जाने का अनुमान: सुनील भारती मित्तल
उन्होंने कहा कि इतनी कीमत में या तो आप 1.6 जीबी इंटरनेट क्षमता का उपभोग करें नहीं तो और अधिक लागत उठाने को तैयार रहें. हम नहीं चाहते कि आपको अमेरिका या यूरोप की तरह 50 से 60 डॉलर रुपये खर्चने पड़ें, लेकिन एक महीने में दो डॉलर में 16 जीबी इंटरनेट कहीं से भी उद्योग के लिए व्यवहारिक नहीं है. मित्तल ने कहा कि डिजिटल सामग्री के उपभोग पर अगले छह महीने में प्रति उपयोक्ता औसत आय (एआरपीयू) 200 रुपये पार कर जाने का अनुमान है. एआरपीयू दूरंचार कंपनियों को प्रति उपयोक्ता होने वाली आय को दिखाता है. उन्होंने कहा कि हमें 300 रुपये एआरपीयू की जरूरत है, इस व्यवस्था में भी आपके पास हर महीने 100 रुपये में एक उचित मात्रा में इंटरनेट होगा, लेकिन यदि आपका ज्यादातर वक्त टीवी, फिल्म, इंटरटेनमेंट और अन्य वस्तुओं के उपभोग पर खर्च होता है तो आपको अधिक भुगतान करना होगा.
यह भी पढ़ें: Aadhar Card में इन 5 चीजों में अपडेट कराने के लिए नहीं चाहिए कोई भी डॉक्यूमेंट
एयरटेल के तिमाही परिणामों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसका एआरपीयू बढ़कर 157 रुपये हो गया है. कंपनी के एआरपीयू में बढ़ोत्तरी पिछले साल दिसंबर में मोबाइल प्लान की कीमतें बढ़ाए जाने के बाद दर्ज की गयी. मित्तल ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने मुश्किल वक्त में देश की सेवा की. अब उद्योग को 5जी, ऑप्टिकल फाइबर केबल और समुद्री केबल पर निवेश करना है. उन्होंने कहा कि जो उद्योग दूरसंचार क्षेत्र में नहीं है उन्हें भी डिजिटल होने की जरूरत है. ऐसे में अगले पांच से छह महीने में एआरपीयू बढ़ना चाहिए, ताकि दूरंसंचार उद्योग व्यवहारिक बना रहे. अब इस क्षेत्र में दो-तीन कंपनियां ही बची हैं. भारत कीमतों को लेकर संवेदनशील बाजार है. अगले छह महीने में हम 200 रुपये एआरपीयू के स्तर को निश्चित तौर पर पार कर लेंगे और शायद आदर्श स्थिति 250 रुपये एआरपीयू रहेगी.