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Rules change : अब प्लेन में पैरेंट्स के साथ मिलेगी बच्चों को सीट, डीजीसीए ने किया नियमों में अहम बदलाव

Seat Rules For Children In Airlines: अगर आप भी फ्लाइट से यात्रा करते रहते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि डीजीसीए ने हाल ही में शानदार नियम लागू किया है.

Updated on: 27 Apr 2024, 12:33 PM

highlights

  • 12 साल तक के  बच्चों पर होगा नियम लागू, रिकॅार्ड भी रखना होगा संभालकर
  • डीजीसीए ने सभी फ्लाइट्स में नियम लागू करने के लिए दिए आदेश
  • इंडिया में लगभग 3 फ्लाइट्स भरती हैं रोजाना उड़ान, बच्चों की सीट को लेकर कई पैरेंट्स टाल देते थे यात्रा

नई दिल्ली :

Seat Rules For Children In Airlines: अगर आप भी फ्लाइट से यात्रा करते रहते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि डीजीसीए ने हाल ही में शानदार नियम लागू किया है. जिसमें कहा गया है कि 12 साल तक के बच्चों को पैरेंट्स के साथ ही सीट मिलना चाहिए. एक आंकड़े के मुताबिक भारत में रोजाना तकरीबन 3 हजार फ्लाइट्स उड़ानें भरती हैं. लेकिन बच्चों की सीट को लेकर कोई रूल्स अभी तक नहीं था. जिसके चलते कई पैरेंट्स अपनी यात्रा टाल देते थे. साथ ही अन्य किसी मोड़ को चुनकर यात्रा पूरी करते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने आदेश दिया है कि 12 साल तक के बच्चों को उनके माता या पिता में से एक के साथ सीट देना अनिवार्य है. नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया है... 

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सीट को लेकर होती थी समस्या
 अभी तक यदि पूरा परिवार ट्रेन में यात्रा कर रहा है तो पैरेंट्स के साथ सीट अलॅाट नहीं होती थी. जिसके चलते पूरी यात्रा में पैरेंट्स को बच्चे की चिंता सताती रहती थी. डीजीसीए ने समस्या को गंभीरता से लेकर नियमों में चेंजेज किये हैं. ताकि माता या पिता में से किसी एक पास बच्चे की सीट होना अनिवार्य है. इसके लिए चाहे सीटिंग एरेजमेंट को फिर से बनाना पड़े. आपको बता दें कि ये नियम केवल 5 से 12 साल तक के बच्चों के ही लागू किया गया है. यही नहीं संबंधित फ्लाइट स्टाफ को इसका रिकॅार्ड भी मेंटेन रखना होगा. ताकि पूछे जाने पर तत्काल दिखाना संभव हो. 

माता-पिता से अलग करना पड़ा था सफर
दरअसल,  जो यात्री अलग से पैसों का भुगतान नहीं करते हैं उन पैरेंट्स को बच्चों से अलग सीट दी जा रही थी. एक यात्रा के दौरान कम उम्र के बच्चे को पूरा सफर ही माता-पिता से दूर रहकर करना पड़ा था. जिससे एयरलाइन कंपनी को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. इसलिए डीजीसीए ने सर्कुलर जारी कर (ATC)-01 के तहत निकाले गए इस आदेश में कहा गया है कि 12 साल तक के बच्चों को उनके माता या पिता में से किसी एक के साथ ही सीट अलॉट की जाए. साथ ही माता-पिता में से किस के साथ बच्चे को बैठाया जा रहा है इसका रिकॅार्ड रखना भी जरूरी होगा.