RBI Credit Policy: ऑनलाइन पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, 2 लाख रुपये तक कर सकेंगे ट्रांसफर
RBI Credit Policy: ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने नई क्रेडिट पॉलिसी (RBI Monetary Policy) का ऐलान किया है. यह पॉलिसी आपके ऑनलाइन पेमेंट, मोबाइल पेमेंट, कार्ड पेमेंट के लिए है. इस पॉलिसी का असर मोबाइल पेमेंट एप पर होगा.
highlights
- पेमेंट बैंक के जरिए एक दिन में ऑनलाइन ट्रांसफर करने की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये किया
- पहले एक दिन में रुपये ट्रांसफर करने की सीमा एक लाख रुपये की थी, अब इसे दोगुना कर दिया गया
मुंबई :
RBI Credit Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने पेमेंट बैंक के जरिए एक दिन में ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर करने की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) की ओर से सीमा बढ़ाने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आरबीआई ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है. ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने नई क्रेडिट पॉलिसी (RBI Monetary Policy) का ऐलान किया है. यह पॉलिसी आपके ऑनलाइन पेमेंट, मोबाइल पेमेंट, कार्ड पेमेंट के लिए है. इस पॉलिसी का असर मोबाइल पेमेंट एप पर होगा.
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पहले एक दिन में सिर्फ एक लाख रुपये थी ट्रांसफर करने की सीमा
बता दें कि पहले जहां एक दिन में रुपये ट्रांसफर करने की सीमा सिर्फ एक लाख रुपये की थी, वहीं अब इसे दोगुना कर दिया गया है. आरबीआई का कहना है कि वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने और पेमेंट बैंकों को अधिक लचीलापन बनाने के उद्देश्य से ही अधिकतर सीमा को बढ़ाया गया है. आरबीआई की ओर से पेमेंट बैक सीईओ को जारी एक सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि पेमेंट्स बैंकों के प्रदर्शन को देखने के बाद आरबीआई अधिकतम बैलेंस लिमिट बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है.
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केंद्रीय बैंक आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) में अहम फैसला लिया है. नॉन-बैंक पेमेंट संस्थानों के लिए आरबीआई द्वारा संचालित केंद्रीयकृत पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) की सदस्यता की अनुमति दी गई है. आरबीआई के इस प्रस्ताव से पीपीआई, कार्ड नेटवर्क्स, वाइड लेवल एटीएम ऑपरेटर्स जैसे नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित की जाने वाली आरटीजीएस और एनईएफटी की सदस्यता ले सकेंगे. इस प्रवृत्ति को मजबूत करने और भुगतान प्रणालियों में गैर-बैंकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित सीपीएस में सीधे सदस्यता लेने का प्रस्ताव है. -इनपुट आईएएनएस
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