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अब पानी से दौड़ेगी आपकी कार, नितिन गडकरी ने बताया खास प्लान

petrol-diesel prize: कहानी आपको फिल्मी लगेगी, लेकिन है 100 प्रतिशत सही. क्योंकि पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)की बढ़ती कीमतों से अब आम आदमी ही नहीं, बल्कि सरकार को भी परेशानी होने लगी है.

Updated on: 22 Jun 2022, 08:52 PM

highlights

  • हाल ही में नितिन गडकरी भी करते नजर आए थे पानी से चलने वाली कार की सवारी 
  • पेट्रोल-डीजल की निर्भरता पूरी तरह खत्म करने की तैयारी में सरकार  
  • परिवहन मंत्री ने कहा जल्द ही मार्केट में गैर पेट्रोल-डीजल कारों की भरमार   

नई दिल्ली :

petrol-diesel prize: कहानी आपको फिल्मी लगेगी, लेकिन है 100 प्रतिशत सही. क्योंकि पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)की बढ़ती कीमतों से अब आम आदमी ही नहीं, बल्कि सरकार को भी परेशानी होने लगी है. जिसके लिए रोजाना पेट्रोल-डीजल के विकल्प (petrol diesel option) पर हमारे वैज्ञानिक काम कर रहे हैं. ताजा खबर ये है कि वैज्ञानिकों ने पानी से चलने वाली कार (water car)का फॉर्मूला इजाद कर लिया है. और तो और पानी से चलने वाली पहली कार अपने देश भारत भी पहुंच थी. एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister Nitin Gadkari)ने कहा कि बहुत जल्द मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही अन्य ईंधन से चलने वाली कार भी आ जाएगी. हालाकि ये कब तक संभव हो पाएगा इसकी घोषणा उन्होने अभी नहीं की है. 

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दरअसल, भारत सरकार लंबे समय से पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का विकल्प तलाश रही थी. इस क्रम में सरकार पिछले कई सालों से बायोएथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी ( green hydrogen ) पर काम कर रही थी. हालांकि उस समय केंद्र सरकार की यह प्लानिंग किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती थी. लेकिन सरकार को इस दिशा में बड़ी सफलता हाथ लगी है. फिलहाल सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली एक कार मंगवाई थी. जिसका ट्रायल 100 प्रतिशत सही रहा. एक प्राइवेट न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते ही नितिन गड़करी ने कहा कि ​लोग मेरी बात पर यकीन नहीं कर रहे हैं, लेकिन ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली एक कार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच चुकी है. उन्होने खुद उस कार की सवारी भी की थी.

ये है फॅार्मूला 
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को अलग कर ग्रीन हाइड्रोजन तैयार की जाएगी. ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है... ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है. आपको बता दें कि भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ONGC और NTPC जैसी भारत की बड़ी कंपनियों ने इस दिशा में काम करना शुरू दिया है.