अब मोबाइल यूजर्स की मनमानी पर लगेगी लगाम, नियमों में होगा ये खास बदलाव

TRAI rule change: आजकल देश में 80 प्रतिशत लोग मोबाइल यूजर्स हैं. लेकिन कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी कर रहे हैं. इसलिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने सिम कार्ड को लेकर बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है.

TRAI rule change: आजकल देश में 80 प्रतिशत लोग मोबाइल यूजर्स हैं. लेकिन कुछ लोग इसका गलत उपयोग भी कर रहे हैं. इसलिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने सिम कार्ड को लेकर बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है.

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Sunder Singh
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TRAI RULE 2

सांकेतिक इमेज ( Photo Credit : News nation)

TRAI rule change: आजकल देश में 80 प्रतिशत लोग मोबाइल यूजर्स हैं. लेकिन कुछ लोग  इसका गलत उपयोग भी कर रहे हैं.  इसलिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने सिम कार्ड को लेकर बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है.  ताकि मोबाइल द्वारा होने वाली फ्रॅाड की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके. बदले हुए नियम 1 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहा है. यह नियम खासकर उन लोगों के लिए है जो भारत में सिम कार्ड का उपयोग करते हैं. नया नियम हर मोबाइल यूजर्स के लिए मान्य होगा. साथ ही नियम न मानने पर संबंधित यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.. 

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क्या होगा नया नियम लागू
दरअसल, कुछ यूजर्स ने नंबर को पोर्ट कराने का धंधा बना लिया है. फ्री में कैशबैक और डाटा पाने के चक्कर में लोग हर दो माह में अपने नंबर्स को पोर्ट करा ले रहे हैं. नए  नियमों के मुताबिक कोई भी यूजर्स सिम स्वैप करने के बाद अपना मोबाइल नंबर पोर्ट नहीं कर सकेगा. नया नियम 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिया जाएगा. इसके पीछे ट्राई का उद्देश्य ऑनलाइन फ्राड़ से बचाना या रोकना है. जानकारी के मुताबिक साइबर फ्रॉड के मामलों में स्कैमर्स बार-बार सिम स्वैपिंग का उपयोग करके यूजर्स को ठगते हैं. क्योंकि सिम स्वैपिंग के बाद यूजर्स के सभी कॉल्स, मैसेज, और OTP दूसरे फोन पर प्राप्त होने लगते हैं. जिससे बड़ा धोखा होने की आशंका पुख्ता हो जाती है. 

कैसे होती है सिम स्वैपिंग?
 सिम स्वैपिंग का मतलब डुप्लीगेट सिम निकलवाना होता है. ठगों का ये एक दम नया तरीका है. जिसमें मोबाइल यूजर्स के नंबर्स से एक नए सिम के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है. ऐसा होने के बाद यूजर के पास मौजूद सिम बंद हो जाता है और ठग दूसरा सिम निकलवाते हैं .. जिसके बाद ठगों को खेल शुरू हो जाता है. इसी फर्जी सिम के माध्यम से डिजिटली ठग अपनी डिवाइस में इस्तेमाल करते हैं. जिसके बाद यूजर्स के नंबर्स पर आने वाली ओटीपी, कॅाल, मैसेज उनके नंबर्स पर पहुंचने लग जाते हैं. जिसके बाद ठगों के पास यूजर्स की कई ऐसी जानकारियां भी पहुंच जाती है. जिनसे अकाउंट निल तक हो सकता है..

HIGHLIGHTS

  • सिम कार्ड को लेकर 1 जुलाई से लागू हो रहा ये नियम
  • TRAI ने जारी किये नियमों को लागू करने के पीछे की बताई वजह
  • मोबाइल से फ्रॅाड़ की घटनाओं पर लगेगी लगाम

Source : News Nation Bureau

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