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अब आम आदमी की पहुंच में होगी इलेक्ट्रिक कार, नितिन गडकरी ने की ये बड़ी घोषणा

अब जल्द ही आपको पेट्रोल-डीजल प्राइज (petrol-diesel prize) से मुक्ति मिलने वाली है. क्योंकि अब इलेक्ट्रिक कार अब आम आदमी की पहुंच में आने वाली है.

Updated on: 09 Dec 2021, 05:52 PM

highlights

  • पेट्रोल-डीजल प्राइज की चिंता से मिलेगा छुटकारा 
  • भारत ईवी क्रांति की और बढ़ रहा आगे 
  • एक सामान हो जाएंगी पेट्रोल-डीजल व इलेक्ट्रिक कारों की कीमत 

नई दिल्ली :

अब जल्द ही आपको पेट्रोल-डीजल प्राइज (petrol-diesel prize) से मुक्ति मिलने वाली है. क्योंकि अब इलेक्ट्रिक कार अब आम आदमी की पहुंच में आने वाली है. इसके लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने ये ऐलान किया है. उन्होने कहा है कि उनकी बात इलेक्ट्रिक कार निर्रामाता कंपनियों से चल रही है. बात फाइनल राउंड में है. जल्द ही पेट्रोल-डीजल व इलेक्ट्रिक कारों की कीमत भारत (Electric Vehicles in India) में एक सामान हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि भारत ईवी क्रांति की ओर आगे बढ़ रहा है. जिसमें 250 स्टार्टअप व्यवसाय लागत प्रभावी ईवी प्रौद्योगिकी निर्माण में लगे हुए हैं.

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आएगी क्रांति 
दरअसल, देश में इलेक्ट्रिक कारों (Electric Vehicles in India) की कीमत अभी आम आदमी की पहुंच से दूर है. लोग भारी-भरकम कीमतों के चलते फिलहाल इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने से कतरा रहे हैं. लेकिन अब ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari ) ने कहा कि अगले दो साल में इलेक्ट्रिक और पेट्रोल गाड़ियों की कीमत एक हो जाएगी. गडकरी का कहना है कि जल्द ही इस क्षेत्र में क्रांति आने वाली है.

गडकरी ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और FY21 एजीएम के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘दो साल के अंदर, इलेक्ट्रिक व्हीकल की लागत उस स्तर पर आ जाएगी जो उनके पेट्रोल वेरिएंट के बराबर होगी.’ उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ईवी चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार करने के लिए काम कर रही है. गडकरी ने आगे कहा, ‘हम 2023 तक प्रमुख राजमार्गों पर 600 ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर रहे हैं.

गडकरी ने कहा कि ईवी की लागत अधिक है क्योंकि उनकी संख्या कम है. उन्होंने कहा कि भारत ईवी क्रांति की उम्मीद कर रहा है, जिसमें 250 स्टार्टअप व्यवसाय लागत प्रभावी ईवी प्रौद्योगिकी निर्माण में लगे हुए हैं. इसके अलावा, प्रमुख वाहन निर्माता ईवी उत्पादन की लागत में कटौती करने की कोशिश में शामिल हो गए हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी केवल 5% है और लिथियम-आयन बैटरी की लागत भी घट रही है.