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New Labour Codes: 1 जुलाई से नौकरीपेशा लोगों की होगी चांदी, 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी मसौदा तैयार

New Labour Codes 2023: नौकरीपेशा (employed)लोगों के लिए एक बार फिर खुशखबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि 1 जुलाई को राज्यों की सहमती के बाद चारों नए लेबर कानून (labor codes)लागू कर दिये जाएंगे. आपको बता दें कि पिछले साल ही न्यु वेज कोड़ को लेकर श

Updated on: 09 May 2023, 11:42 AM

highlights

  • एक बार फिर उठने लगी न्यू वेज कोड की मांग, श्रम मंत्रालय ने पिछले साल ही दे दी थी मंजूरी 
  • राज्य सरकारों की सहमती के बाद लागू कर दिये जाएंगे चारों नए कानून 
  • साप्ताहिक अवकाश से लेकर इन हैंड सैलरी स्ट्रैक्टर में भी होगा बड़ा बदलाव 

नई दिल्ली :

New Labour Codes 2023: नौकरीपेशा (employed)लोगों के लिए एक बार फिर खुशखबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि 1 जुलाई को राज्यों की सहमती के बाद चारों नए लेबर कानून (labor codes)लागू कर दिये जाएंगे. आपको बता दें कि पिछले साल ही न्यु वेज कोड़ को लेकर श्रम मंत्रालय में मंजूरी दे दी थी. लेकिन कुछ राज्यों की असहमती के चलते इन्हें लागू नहीं किया गया था. बताया जा रहा है कि एक  बार फिर श्रम मंत्रालय ने राज्यों से कोड लागू करने को लेकर जल्द अपनी राय देने के लिए कहा है. सूत्रों का दावा है कि 22 राज्य पहले न्यू कोड को सहमती दे चुके हैं. 

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क्या-क्या बदलेगा?
यदि 1 जुलाई से चारों नए कानून लागू होते हैं तो नौकरीपेशा लोगों को वीकली सिर्फ चार दिन ही काम करना होगा. तीन दिन छुट्टी का आनंद ले सकेंगे. हालांकि इसमें एक शर्त रखी गई है. अभी दफ्तर में काम के घंटे सिर्फ 8 हैं. लेकिन तीन दिन छुट्टी होने से ये बढ़कर 12 हो जाएंगे. यानि कर्मचारियों को 12 घंटे काम करना होगा. न्यू वेज कोड़ लागू होने के बाद एक और बड़ा बदलाव होने वाला है. आपको बता दें कि अभी तक संस्थान में लंबी अवधि की छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी होता था. लेकिन न्यू वेज कोड में सिर्फ 180 दिन काम करने के बाद भी आप 6 माह की छुट्टी ले सकेंगे. 

सैलरी स्ट्रैक्टर में बदलाव 
नए वेज कोड के लागू होने के बाद टेक होम सैलरी आपके खाते में कम क्रेडिट होगी. नियमों के मुताबकि,  किसी भी कर्मचारी की इन हैंड सैलरी उसकी सीटीसी के 50 फीसदी से अधिक नहीं होगी. यानि आपकी बेसिक सैलरी में इजाफा किया जाएगा. ताकि आपका पीएफ में पैसा ज्यादा जमा हो सके. इसका फायदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के दौरान मिलेगा. क्योंकि रिटायर होने पर मोटी रकम हाथ में आएगी.