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मोबाइल सिम कार्ड से जुड़े नियम में मोदी सरकार ने किए अहम बदलाव, होंगे बड़े फायदे

सरकार ने सेल्फ-KYC (ऐप आधारित) की अनुमति दे दी है. ई-केवाईसी की दर को संशोधित कर केवल एक रुपया कर दिया गया है. वहीं प्री-पेड से पोस्ट-पेड और पोस्ट-पेड से प्री-पेड में स्थानांतरण के लिए नए केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी.

Updated on: 18 Sep 2021, 12:29 PM

highlights

  • केंद्र सरकार ने सेल्फ-केवाईसी की अनुमति दी 
  • KYC की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी

नई दिल्ली:

अगर आप नया मोबाइल नंबर (Mobile Number) या टेलिफोन कनेक्शन लेने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए एक राहत भरी खबर है. दरअसल, केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने मोबाइल नंबर (Mobile Number) या टेलिफोन कनेक्शन लेने के लिए नो योर कस्टमर यानी KYC की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी. सरकार ने सेल्फ-केवाईसी (ऐप आधारित) की अनुमति दे दी है. ई-केवाईसी की दर को संशोधित कर केवल एक रुपया कर दिया गया है. वहीं प्री-पेड से पोस्ट-पेड और पोस्ट-पेड से प्री-पेड में स्थानांतरण के लिए नए केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी.

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KYC के लिए किसी भी तरह का नहीं जमा करना होगा कोई डॉक्यूमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूजर को KYC के लिए किसी भी तरह का कोई डॉक्यूमेंट नहीं जमा करना होगा. जानकारी के मुताबिक पोस्टपेड सिम को प्रीपेड में कन्वर्ट कराने जैसे कामों के लिए अब किसी भी तरह का कोई फॉर्म नहीं भरना होगा और इसके लिए भी डिजिटल KYC होगी. पिछले दिनों हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी गई थी. अब यूजर को नया मोबाइल नंबर या टेलिफोन कनेक्शन लेने के लिए KYC पूरी तरह से डिजिटल होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पोस्टपेड सिम को प्रीपेड में कन्वर्ट कराने जैसे सभी कामों के लिए कोई भी फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा. नए नियमों के अनुसार यूजर सिम जारी करने वाली कंपनी के ऐप के जरिए सेल्फ KYC कर सकेंगे और इसके लिए यूजर को सिर्फ 1 रुपये का भुगतान करना होगा.

बता दें कि मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई कस्टमर प्रीपेड नंबर को पोस्टपेड या फिर पोस्टपेड को प्रीपेड में कन्वर्ट कराता है तो उसे हर बार KYC की प्रक्रिया को पूरा करना होता है. वहीं अब इसे सिर्फ एक बार ही KYC करानी होगी. बता दें कि कंपनियां कस्टमर्स से KYC के लिए डॉक्यूमेंट मांगती हैं. अगर कोई यूजर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डॉक्यूमेंट अपलोड करके KYC करता है तो उसे सेल्फ KYC कहा जाता है. इसे वेबसाइट या एप्लिकेशन के जरिए भी किया जा सकता है.