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मनरेगा (MGNREGA) में होने वाली गड़बड़ियों को लेकर मोदी सरकार सख्त, उठाने जा रही ये बड़ा कदम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिचौलिए योजना के तहत लाभार्थियों के नाम दर्ज करने के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं. बता दें कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer-DBT) से व्यक्ति तक धन पहुंचाने में सफल रहा है.

Updated on: 15 Feb 2022, 01:19 PM

highlights

  • केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया 
  • यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में दिए गए 98,000 करोड़ से 25 फीसदी कम

नई दिल्ली:

केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA, Mahatma Gandhi National Employment Guarantee Act) में होने वाली गड़बड़ियों को लेकर सख्त है. ऐसे में सरकार मनरेगा को सख्त बनाने की तैयारी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते दो साल में मनरेगा के तहत ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम में काफी गड़बड़ियां देखने को मिली हैं. बता दें कि केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (Revised Estimate) में दिए गए 98,000 करोड़ रुपये से 25 फीसदी कम और चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान (Budget Estimate) के बराबर है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिचौलिए योजना के तहत लाभार्थियों के नाम दर्ज करने के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं. बता दें कि सरकार के द्वारा चलाए जा रहे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer-DBT) से व्यक्ति तक धन पहुंचाने में सफल रहा है. हालांकि अभी भी कुछ ऐसे बिचौलिए हैं जो मनरेगा सूची में नाम डालने के लिए पैसे की मांग लोगों से कर रहे हैं. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की ओर से इन सभी गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की बात हो रही है. मनरेगा से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि लाभार्थी और बिचौलियों के बीच साठगांठ होने से लाभार्थी बिचौलिए को कुछ हिस्सा दे देता है. उसकी वजह से लाभार्थी को काम पर जाना नहीं पड़ता है और काम वहीं रुका रहता है.