logo-image

आटा, सूजी, मैदा सहित कई खाने-पीने की चीजें हो जाएंगी सस्ती, निर्यात के नियम हुए सख्त

आमजन को आटा, सूजी मैदा सहित कई ऐसी चीजें अब सस्ते रेट पर मिल सकती हैं . क्योंकि सरकार ने निर्यात के नियमों में सख्ती बरतने के आदेश जारी किये हैं. जिसका सीधा असर खाने-पीने की चीजों के रेट पर पड़ सकता है.

Updated on: 09 Aug 2022, 01:00 PM

highlights

  • सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन कर दिया जारी 
  • मौजूदा पॉलिसी के तहत गेहूं के निर्यात पर बनी अंतर मंत्रालय कमेटी

नई दिल्ली :

आमजन को आटा, सूजी मैदा सहित कई ऐसी चीजें अब सस्ते रेट पर मिल सकती हैं . क्योंकि सरकार ने निर्यात के नियमों में सख्ती बरतने के आदेश जारी किये हैं. जिसका सीधा असर खाने-पीने की चीजों के रेट पर पड़ सकता है. आपको बता दें कि गेंहू और आटा निर्यात पर प्रतिबंद लगाने के बाद अब होलीमील आटा और मैदा, सूजी  को लेकर भी सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है. आपको बता दें कि होलीमील आटा भी गेंहू के आटे की तरह ही होता है. बस इसमें चोकर भी मिक्स होता है. डाइटीशियन के मुताबिक यह गेंहूं के साधारण आटे से ज्यादा पोस्टिक बताया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब सरकार निर्यात के नियमों पूरी सख्ती बरतने वाली है. जिसे उक्त सभी निर्यात बंद हो जाएंगे. जिसके बाद बाजार में सस्ते रेटों पर होलीमील आटा और मैदा मिलेगी.

यह भी पढ़ें : अब हाईवेज से हटेंगे टोल नाके, नितिन गडकरी करने जा रहे हैं ये बड़ा बदलाव

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जिसे लागू करने की तिथि 14 अगस्त बताई जा रही है.  बताया जा रहा है कि निर्यात से पहले अब गुणवत्ता का प्रमाणपत्र भी लेना जरूरी कर दिया है.  आपको बता दें कि सरकार गेंहूं के आटे पर पहले ही निर्यात करने पर प्रतिबंद लगा चुकी है. जिससे देश में आटे की कमी नहीं आने वाली है. वहीं मंत्रालय कमेटी की सिफारिस के बाद ही अब आटा निर्यात किया जा सकता है. साथ ही गेहूं के निर्यात पर अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी. अन्यथा निर्यात के आदेश मान्य रहेंगे.

डीजीएफटी के मुताबिक  ‘‘निर्यात नीति या गेहूं का आटा, मैदा, सूजी (रवा या सिरगी), साबुत आटा जैसी सामग्री नियंत्रणमुक्त है,, लेकिन इसके लिए भी मंत्रालय की सिफारिस की जरूरत होगी. अन्यथा निर्यात पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. इसके अलावा बिना गुणवत्ता प्रमाणपत्र के कोई भी खाने-पीने की चीज निर्यात नहीं की जाएगी. केन्द्र सरकार ने नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है. यदि नियमों को लागू करने में कोई चूक पाई गई तो संबंधित क्षेत्र के अधिकारी जिम्मादारी होगी.