logo-image

Loan Emi Update: अब इस बैंक ने महंगा किया लोन, जेब पर पड़ेगा इतना असर

Loan Emi Update: आज यानि 3 जनवरी को एक और सरकारी बैंक ने अपना कर्ज महंगा कर दिया है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढोतरी करने के बाद इंडियन बैंक (Indian Bank)ने भी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर दिया है.

Updated on: 03 Jan 2023, 09:06 AM

highlights

3 जनवरी से लागू हो जाएगी EMI में बढ़ोतरी
एमसीएलआर में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की घोषणा 

नई दिल्ली :

Loan Emi Update: आज यानि 3 जनवरी को एक और सरकारी बैंक ने अपना कर्ज महंगा कर दिया है. आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढोतरी करने के बाद इंडियन बैंक (Indian Bank)ने भी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर दिया है. जिससे बैंक संबंधी कर्जदारों की ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा. इंडियन बैंक ने सोमवार को एमसीएलआर में 0.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है. बताया जा रहा है कि आरबीआई के रेपो रेट में बढोतरी के बाद से ही बैंक एमसीएआर में बढोतरी की प्लानिंग कर रहा था.

यह भी पढ़ें : Prajjwala Challenge: सिर्फ 1 आइडिया बना देगा लखपति, सरकार दे रही 2 लाख रुपए

आपको बता दें कि इंडियन बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना के मुताबिक बढोतरी 3 जनवरी से लागू कर दी गई हैं. जानकारी के मुताबिक  मानक एमसीएलआर को 8.20 फीसदी से बढ़ाकर 8.30 फीसदी कर दिया गया है. यही नहीं एक साल के साथ एक दिन की एमसीएलआर दर को भी 0.25 फीसदी बढ़ाकर 7.75 फीसदी करने का फैसला लिया गया है. जिसका सीधा असर बैंक से जुड़े ग्राहकों पर पड़ने वाला है. 

होम लोन होंगे महंगे
एमसीएलआर बढ़ने का मतलब सीधा कर्जदारों से होता है. क्योंकि एमसीएलआर बढोतरी से होम लोन, पर्सनल लोन के साथ ऑटो लोन भी महंगे हो जाते हैं. साथ ही लोन की ईएमआई पर एक निश्चिच बढोतरी देखने को मिलती है. आपको बता दें कि 7 दिसंबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति  के चलते रेपो रेट में 0.35 फीसदी  की बढ़ोतरी की गई थी. सन 2022 में आरबीआई द्वारा लगभग 5 बार  रेपो रेट बढ़ाए गए हैं.

क्या है MCLR 
आपको बता दें कि MCLR का फुल फॉर्म मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट है. लोन का पैसा वसूलने को लेकर  बैंक लागत का बोझ उठाने के लिए एमसीएलआर बनाते हैं. जिसमें महंगाई के हिसाब से समय-समय पर उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. आपको बता दें कि 100 रुपये को रखने, जारी करने, वसूलने पर बैंक द्वारा उठाई जाने वाली कुल लागत को बैंक एमसीएलआर (MCLR) के रूप में पेश करता है.