logo-image

ITR फाइल करते समय इन ट्रांजैक्शन की जानकारी देना है जरूरी, नहीं तो आ सकता है नोटिस

ITR FY 2020-21: अगर किसी व्यक्ति ने नगद 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा करके फिक्स्ड डिपॉजिट किया है तो उसे ITR फाइल करते समय उसकी जानकारी देनी जरूरी है.

Updated on: 13 Dec 2021, 12:33 PM

highlights

  • एक साल में सेविंग अकाउंट में 10 लाख से ज्यादा नगद जमा कराने पर जानकारी देना जरूरी
  • एक लाख से ज्यादा क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान नगद में करने पर जानकारी देना जरूरी

नई दिल्ली:

Income Tax Return-ITR: वित्त वर्ष 2020-21 (ITR FY 2020-21) यानी एसेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न को फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 है. ऐसे में अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो जल्द से जल्द फाइल कर लीजिए. बता दें कि रिटर्न फाइल करते समय आपको इनकम और टांजैक्शन की जानकारी साझा करनी होती है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आयकर विभाग को कई एजेंसियों के जरिए बड़ी ट्रांजैक्शन की जानकारी मिलती रहती है ऐसे में अगर आपने भी कोई बड़ी ट्रांजैक्शन की हुई है तो उसकी जानकारी भी विभाग के पास पहुंच चुकी होगी. मान लीजिए कि आप ITR फाइल करते समय इन ट्रांजैक्शन को छुपा लेते हैं तो आपको विभाग की ओर से नोटिस आ सकता है. आइए इस रिपोर्ट में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि कौन से ट्रांजैक्शन को छुपाने पर नोटिस आ सकता है. 

यह भी पढ़ें: बैंकों में इस हफ्ते दो दिन कामकाज हो सकता है प्रभावित, जल्द निपटा लें जरूरी काम

नगद में 10 लाख रुपये से ज्यादा की FD कराने पर आ सकता है नोटिस
अगर किसी व्यक्ति ने नगद 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा करके फिक्स्ड डिपॉजिट किया है तो उसे ITR फाइल करते समय उसकी जानकारी देनी जरूरी है. CBDT ने बैंकों को इस तरह के ट्रांजैक्शन की जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति ने नगद में 10 लाख रुपये से ज्यादा की FD कराई हुई है और उसको ITR फाइल करते समय दिखाया नहीं है तो नोटिस मिल सकता है. 

10 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा कराने पर जानकारी देना जरूरी
अगर कोई व्यक्ति अपने सेविंग अकाउंट या फिर करंट अकाउंट में भारी मात्रा में नगद जमा कराता है तो उसके लिए इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को जानकारी देना जरूरी है. एक साल में सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा नगद जमा कराने पर आयकर विभाग को जानकारी देना जरूरी है. करंट अकाउंट के मामले में यह सीमा 50 लाख रुपये तय की गई है. 

नगद में क्रेडिट कार्ड का भुगतान
अगर कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड का बिल कैश में जमा करता है तो उसे भी कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. क्रेडिट कार्ड का बिल एक लाख रुपये से ज्यादा होने पर अगर आप उसका भुगतान नगद में कर रहे हैं तो उसकी जानकारी आपको आयकर विभाग को देना जरूरी है. किसी वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से ज्यादा के क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान किया है तो उसकी जानकारी भी ITR में देना जरूरी है. 

यह भी पढ़ें: नया बिजनेस शुरू करने के लिए 10 लाख दे रही सरकार, उठाएं योजना का लाभ

अगर आपने 30 लाख रुपये या फिर उससे ज्यादा की कीमत की प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसकी जानकारी आयकर विभाग को जरूर देनी चाहिए. आयकर विभाग की ओर से सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को हिदायत दी गई है कि वे 30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त होने पर उसकी जानकारी दें. साथ ही शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर या बॉन्ड में नगद 10 लाख रुपये से ज्यादा निवेश किया है तो उसकी जानकारी ITR में देनी होगी.