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Indian Railways: अब रेल सफर में रोड़ा नहीं बनेगा कोहरा, रेलवे ने निकाला तोड़

सर्दियों के दिनों में रेलवे का सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि सर्दियों में पड़ने वाले कोहरे (fog) के बीच रेलवे (Railways) ने इसका तोड़ निकाल लिया है. अब रेल चालकों को जीपीएस युक्त डिवाइस (GPS enabled device) मुहैया कराई गयी है. जिसके बाद च

Updated on: 02 Feb 2022, 05:48 PM

highlights

  • कोहरे से होने वाले हादसों पर भी लगेगी लगाम 
  • घने कोहरे में 20 किमी आगे तक स्थिति देगा सेंसर 
  • सफल ट्रायल के बाद ट्रेनों में डिवाइस लगाने की योजना 

नई दिल्ली :

सर्दियों के दिनों में रेलवे का सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि सर्दियों में पड़ने वाले कोहरे (fog) के बीच रेलवे (Railways) ने इसका तोड़ निकाल लिया है. अब रेल चालकों को जीपीएस युक्त डिवाइस (GPS enabled device) मुहैया कराई गयी है. जिसके बाद चालकों को 20 किमी आगे की स्थिति क्लियर हो सकेगी. इसके अलावा किसी रूट पर कितना कोहरा इसका पता भी डिवाइस से चल जाएगा. साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि ट्रैक पर कहां कॅाशन लगा है. कहां कितनी स्पीड़ से ट्रेन चलानी है. यही नहीं रूट पर पड़ने वाले स्टेशनों के नाम व क्रॅासिंग का पता भी यह डिवाइस 20 किमी पहले ही बता देगी. जानकारी के मुताबिक अब रेलवे को घने कोहरे में ट्रेनें कैंसिल नहीं करनी पड़ेगी.

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डिवाइस ऐसे करेगी काम 
आपको बता दें कि ट्रेनों में जीपीएस पहले से लगा हुआ है. अब इसके साथ फॅाग सेफ डिवाइस भी लगाई जाएगी. जो जीपीएस से कनेक्ट होगी. इसे वायर के माध्यम से ट्रेन के बाहरी हिस्से में लगे सेंसर से जोड़ा जाएगा. यह सेंसर तरंगों के माध्यम से 20 किमी तक कोहरे के बीच टारगेट को मापने में सक्षम होगा. जीपीएस वाली स्क्रीन पर ही चालक कोहरे की स्थिति जान सकेंगे. साथ ही यह भी पता लगा सकेंगे कि रूट पर अगले 20 किमी तक कितने पार्ट पर कोहरा है.

हादसों पर लगेगी लगाम 
कोहरे के चलते अक्सर सर्दियों में हजारों ट्रेन कैंसिल करनी पड़ती है.  इसी के चलते रेलवे ग्लोबल पोजिशनिंग युक्त डिवाइस उपलब्ध कराएगा. प्रथम चरण में उत्तर रेलवे मुख्यालय में दिल्ली से बरेली रूट पर डिवाइस मुहैया कराने का फैसला लिया है. ट्रायल सफल होने के बाद देश भर के रुट्स पर डिवाइस मुहैया कराई जाएगी. इससे रेलवे से आए साल होने वाले हादसों पर लगाम लग जाएगी. साथ ही कोहरे की वजह से ट्रेनें प्रभावित भी नहीं होंगी. जीपीएस के माध्यम से चालक रुट पर कोहरे की स्थिति पता कर सकेगा.