file photo (Photo Credit: News Nation)
नई दिल्ली :
Indian Railway अपनी सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. यात्रियों को आरामदायक व चमचमाती रेल में सफर करने का अवसर मिले इसलिए ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट में इजाफा कर दिया है. बताया जा रहा है कि मेट्रो की तर्ज पर रेल भी भारतीय रेल भी पूरी तरह क्लीन दिखेगी. जिससे यात्रियों को साफ-सुथरी ट्रेन में सफर करने का मौका मिलेगा. आपको बता दें कि परंपरागत धुलाई के तरीकों से इसमें उस स्तर की साफ-सफाई नहीं मिल पाती, जिस स्तर की अब जरूरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे अब देश के अलग-अलग हिस्सों में ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट लगा रही है. ताकि ट्रेनों की कम से कम समय में बढ़िया से बढ़िया सफाई की जा सके.
यह भी पढ़ें : Indian Railway का बड़ा फैसला, इन 8 सेवाओं को मिलाकर बनाया एक
पहला प्लांट लगाया गया
जानकारी के मुताबिक रेलवे ने दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railways) जोन में इस तरह का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट (Automatic Coach Washing Plant) लगाया गया है. जिससे बिना हाथ लगाए Automatic रेल की पूरी धुलाई हो जाएगी. साथ ही पानी सोखने की तकनीक भी मशीन में विकसित की गई है. यही नहीं पूरी रेल की धुलाई इस प्लांट के माध्यम से महज 15 मिनट में हो जाएगी. आपको बता दें कि ये दक्षिण पूर्व रेलवे जोन का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट है. बता दें कि ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट के कई फायदे हैं. ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट के जरिए 24 बोगियों वाली ट्रेन की सिर्फ 10 से 15 मिनट में जबरदस्त धुलाई हो जाती है.
स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत।
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 10, 2022
दक्षिण पूर्व रेल के चक्रधरपुर मंडल का पहला स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट टाटा में लगाया गया है।
पर्यावरण अनुकूल इस प्लांट से पानी की बचत होने के साथ साथ समय की बचत हो रही है, वहीं ट्रेनों में उच्च गुणवत्ता की सफाई भी सुनिश्चित हो रही है। pic.twitter.com/1nxAjvdbSu
यह वॉशिंग प्लांट में डिब्बों के टॉयलेट के निचले हिस्सों को साफ करने के साथ-साथ कीटाणुरहित भी किया जा सकता है, जबकि परंपरागत सफाई में ऐसा नहीं हो पाता है. बता दें कि भारतीय रेल अभी तक देश के कई रेलवे स्टेशनों पर इस तरह का ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट लगा चुकी है. भारतीय रेल की कोशिश है कि जल्द से जल्द पूरे देश में इस तरह के वॉशिंग प्लांट लगाए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी, समय और मैनपावर की बचत की जा सके. रेलवे के प्लान के मुताबिक सबसे पहले उन रेलवे स्टेशनों पर वॉशिंग प्लांट लगाए जाएंगे, जहां ज्यादा ट्रेनों का लोड रहता है.