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जब रेल मंत्री इंजन में बैठकर रेड सिग्नल को अनदेखा करके गाड़ी आगे ले गए, जानें फिर क्या हुआ

Indian Railway Kavach System: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इस ट्रायल में हिस्सा लिया, एक ट्रेन में केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव बैठे थे तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन दोनों ट्रेनें क़रीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से एक दूसरे की ओर आ रही थी.

Updated on: 04 Mar 2022, 03:22 PM

highlights

  • एक ट्रैक पर दो ट्रेनें एक दूसरे की ओर आने के बावजूद टकराएंगी नहीं 
  • आत्मनिर्भर भारत के तहत बनी इस सुरक्षा प्रणाली को कवच नाम दिया गया है

नई दिल्ली:

Indian Railway Kavach System: भारतीय रेलवे के लिए आज किसी ऐतिहासिक दिन से कम नहीं था क्योंकि आज रेलवे ने सिकंदराबाद में एंटी रेल कोलिजन सिस्टम यानी कवच का टेस्ट किया, अब आप सोच रहे होंगे ये कवच है क्या? सोचिए कि एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनें आमने-सामने आ जाएं तो क्या होगा? जवाब होगा भीषण टक्कर और बड़ी दुर्घटना, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि इसका समाधान है 'कवच' जिसकी मदद से दोनों ट्रेनों में कुछ निश्चित दूरी पर ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम ऑन हो जाएगा और दुर्घटना होने से बच जाएगी.

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रेल मंत्री और सीईओ ने इस परीक्षण में लिया हिस्सा 
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इस ट्रायल में हिस्सा लिया, एक ट्रेन में केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव बैठे थे तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन दोनों ट्रेनें क़रीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से एक दूसरे की ओर आ रही थी और 100 मीटर की दूरी पर ही दोनों ट्रेनों में ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम काम करने लगा और दोनों ट्रेनें रुक गई.

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क्या है कवच सिस्टम?

एंटी ट्रेन कोलीजन सिस्टम कवच के कारण एक ट्रैक पर दो ट्रेनें एक दूसरे की ओर आने के बावजूद टकराएंगी नहीं बल्कि सिस्टम के कारण खुद ब खुद ब्रेक लग जाएंगे. इस तकनीक से अब भविष्य में ट्रेन दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा. आत्म निर्भर भारत के तहत बनी इस सुरक्षा प्रणाली को ही कवच नाम दिया गया है. विदेश से लेने पर ये सिस्टम बेहद महंगा पड़ता लेकिन स्वदेश में विकसित ये टेक्नोलॉजी न सिर्फ़ सस्ती है बल्कि प्रभावी भी है.