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Indian Railway: प्रकृति के बीच ट्रेन के सफर का लीजिए मजा, जल्द कराएं इस ट्रेन में बुकिंग

Indian Railway-IRCTC: नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) को फिर से शुरू कर दिया गया है. बता दें कि अपने जबर्दस्त ट्रैक की वजह से नीलगिरी माउंटेन ट्रेन ने दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

Updated on: 10 Sep 2021, 08:53 AM

highlights

  • कोविड-19 की वजह से अप्रैल के महीने में इस रूट को बंद कर दिया गया था 
  • नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) को शुरू कर दिया गया है 

नई दिल्ली:

Indian Railway-IRCTC: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से अगर आप काफी समय से कहीं घूमने नहीं गए हैं तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway) को फिर से शुरू कर दिया गया है. बता दें कि अपने जबर्दस्त ट्रैक की वजह से नीलगिरी माउंटेन ट्रेन ने दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इसके अलावा यूनेस्को की ओर से इस ट्रेन के रूट को हेरिटेज साइट भी घोषित किया गया है. ऐसे में अगर आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए यह सुनहरा मौका है.

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रेलवे ने यात्रियों से कोविड के नियमों को मानने की अपील की
बता दें कि इस रूट पर हजारों की संख्या में पर्यटक सफर करते हैं, लेकिन कोविड-19 की वजह से अप्रैल के महीने में इस रूट को बंद कर दिया गया था. रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक नीलगिरी माउंटेन रेलवे (NMR) को मेट्टुपालयम से उदगमण्डलम के लिए दोबारा शुरू कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक इस ट्रेन के फिर से शुरू होने से इस रूट पर सफर करने वाले यात्रियों में अच्छा खासा उत्साह देखा गया. बता दें कि 133 पैसेंजर की क्षमता वाली ट्रेन में पहले दिन 105 यात्रियों ने सफर किया था. यात्रियों से कोविड के नियमों को मानने की अपील रेलवे की ओर से की गई है. 

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1908 में हुआ था नीलगिरी माउंटेन रेलवे ट्रैक का निर्माण  
बता दें कि मेट्टुपालयम-उदगमण्डलम के बीच चलने वाली यह ट्रेन पूरी तरह से रिजर्व्ड है. इस ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है. रेलवे का कहना है कि सिर्फ आरक्षित यात्रियों को ही इस ट्रेन में सफर करने अनुमति दी जाएगी. बता दें कि वर्ष 1908 में नीलगिरी माउंटेन रेलवे ट्रैक का निर्माण हुआ था. इसके अलावा इस ट्रेन में चार बोगियां हैं. साथ ही ट्रेन का सफर तब ज्यादा आनंददायक हो जाता है जब इस रूट पर 10 से ज्यादा सुरंग और 258 ब्रिज पड़ते हैं. इस ट्रेन को भाप के इंजन से चलाया जाता है.