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Indian Flag Rules: अब तिरंगा फेंकने पर जाना पड़ेगा जेल, सरकार ने नियमों में किया बदलाव

Indian Flag Rules: राष्ट्रीय ध्वज हमारी आन-बान और शान है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi)के निवेदन पर इस बार हर घर तिरंगा अभियान के तहत आजादी का जश्न (freedom celebration)अन्य सालों की अपेक्षा ज्यादा उत्साह से मनाया गया.

Updated on: 16 Aug 2022, 05:43 PM

highlights

  • नए नियमों के अनुसार तिरंगे का अपमान नहीं किया जाएगा बर्दाश्त 
  • सरकार ने जुर्माने से लेकर जेल तक जाने का किया प्रावधान

नई दिल्ली :

Indian Flag Rules: राष्ट्रीय ध्वज हमारी आन-बान और शान है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi)के निवेदन पर इस बार हर घर तिरंगा अभियान के तहत आजादी का जश्न (freedom celebration)अन्य सालों की अपेक्षा ज्यादा उत्साह से मनाया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा (har ghar tricolor campaign) होने की बात कही थी.  कल यानि सोमवार को 15 अगस्त  (15 August) बीत चुका है. आज 16 अगस्त है, अक्सर 15 अगस्त के बाद तिरंगा सड़क के किनारे पड़ा मिल जाता है. लेकिन इस बार तिरंगे का अपमान करना आपको महंगा पड़ सकता है. सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि तिरंगे का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान सरकार ने किया है. 

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ये राष्ट्रीय ध्वज फैराने का नियम 
जानकारी के मुताबिक, भारतीय ध्वज संहिता 2022 यानी फ्लैग कोड 2022 में 20 जुलाई 2022  को कुछ बदलाव किया गया है.  संसोधित क्रम में  राष्ट्रीय ध्वज को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक लगाने की अनुमति है. लेकिन कागज सहित कपड़े के झंडे को फेंकने पर अब नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. अभी तक इसे फेंकने पर सिर्फ जुर्माना लगाने के प्रावधान था. जिसे कड़ा करते हुए अब जेल जाने का प्रावधान किया गया था. नए नियमों में तिरंगे का इस्तेमाल करने के  बाद उसे साफ-सुथऱे स्थान पर रखने के लिए कहा गया है. यही नहीं फ्लैग कोड़ के मुताबिक किसी भी तरह तिरंगे का संपर्क जमीन से नहीं होना चाहिए. अन्यथा जेल जाना पड़ सकता है. 

नए नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय ध्वज को जलाते, दूषित करते या नियमों के विरुद्ध ध्वजारोहण करता है, तो उसे तीन साल की जेल हो सकती है. यही नहीं जुर्माने के अलावा जेल और दोनों भी हो सकते हैं. आपको बता दें कि ये प्रावधान 20 जुलाई 2022 को ही किया गया है. इससे पहले तिरंगे झंडें को लेकर नियम तो थे. लेकिन  इतने कड़े नहीं थे.