G20 Summit: इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल होंगे सस्ते, मोदी-बाइडेन की G20 से पहले हुई अहम बैठक

G20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन से कुछ ही घंटों पहले प्रधानमंत्री मोदी आवास पर हुई अमेरिकी राष्ट्रपित बाइडन और पीएम मोदी की मुलाकात बेहद अहम बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि दोनों की मुलाकात के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों के सस्ते होने का रास्ता साफ हो गया

News Nation Bureau | Edited By : Sunder Singh | Updated on: 09 Sep 2023, 09:15:59 AM
G2023

file photo (Photo Credit: News Nation)

highlights

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले की पीएम मोदी से  द्विपक्षीय वार्ता
  • भारत और अमेरिका अब रीन्यूएबल एनर्जी पर साथ मिलकर करेंगे काम 
  • दोनों देश करेंगे ‘रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड’में आधा-आधा निवेश

नई दिल्ली :  

G20 Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले हुई ये बैठक भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका लिए भी काफी लाभदायक सिद्ध होगी. जानकारी के मुताबकि दोनों नेताओं की इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैट्री व सौलर पैनल आदि को लेकर चर्चा हुई है. जिससे साफ हो गया है कि अब ईवी वाहनों की कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी. यानि अब ईवी खरीदना आम आदमी के बजट में होगा. दोनों देशों ने मिलकर एक ‘रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड’ में निवेश पर दोनों देशों की सहमती बनी है. जिसमें दोनों देश आधा-आधा निवेश करेंगे.  

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इतना होगा निवेश
जानकारी के मुताबिक,  ‘रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड’ में  शुरुआती तौर पर 1 अरब डॉलर (करीब 8300 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाएगा. ये निवेश आधा-आधा होगा यानी भारत 50 करोड़ डॉलर का निवेश इसमें करेगा. इस निवेश से  बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का काम आसान होगा. यही नहीं दोनों देशों को यह समझौता सोलर पैनल, बैटरी इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि की कीमतों में काफी कमी लेकर आयेगा. जानकारों का मानना है कि ये द्विपक्षीय वार्ता कई मायनों में काफी अहम है. इसका फायदा देश को काफी फायदा होने वाला है.. 

70 मिनट हुई चर्चा
दोनों नेताओं के बीच लगभग 70 मिनट बात हुई. जिसमें अमेरिका ने भारत में पावर सेक्टर के लिए न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा देने की बात हुई है. यही नहीं उभरती रीन्यूएबल टेक्नोलॉजी और एनर्जी सिस्टम के लिए स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर दिया जाएगा. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी पार्ट्स के आवागमन को और आसान बनाने को लेकर भी बात होना बताया जा रहा है. दोनों देश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी सप्लाई चेन को बेहतर और डायवर्सिफाई करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.जानकारी के मतुाबिक अभी तक भारत न्यूक्लियर एनर्जी से 6,780 मेगावाट बिजली बनाता है. यहां ज्यादा प्रोडेक्शन कोयले से होता है. इस पर भी दोनों नेताओं की बीच चर्ची हुई है.

First Published : 09 Sep 2023, 09:15:59 AM