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6 करोड़ से ज्यादा PF सब्सक्राइबर्स को लग सकता है झटका, ब्याज दर पर कल हो सकता है बड़ा ऐलान

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए EPFO ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. गुरुवार (4 मार्च 2021) को होने वाली EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में नई दरों पर फैसला हो सकता है.

Updated on: 03 Mar 2021, 08:50 AM

highlights

  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-2021 में ईपीएफ (EPF) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती हो सकती है
  • गुरुवार (4 मार्च 2021) को होने वाली EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में नई दरों पर फैसला हो सकता है

नई दिल्ली:

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): रसोई गैस, पेट्रोल-डीजल, CNG और PNG की महंगाई के बाद अब आम आदमी को एक और बड़ा झटका लग सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-2021 में ईपीएफ (EPF) पर मिलने वाले ब्याज में कटौती हो सकती है. अगर सरकार यह फैसला लेती है तो 6 करोड़ से ज्यादा सैलरीड क्लास को बहुत बड़ा झटका लगेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के दौर में काफी बड़ी संख्या में लोगों ने EPF से निकासी की है. इसके अलावा इस दौरान अंशदान (PF Contribution) में भी गिरावट दर्ज की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए EPFO ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. गुरुवार (4 मार्च 2021) को होने वाली EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में नई दरों पर फैसला हो सकता है.

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जानें क्‍यों घटाई जाएगी कर्मचरी EPFO पर ब्‍याज दर
ईपीएफओ (EPFO) के ट्रस्‍टी केई रघुनाथन ने कहा था कि सीबीटी की अगली मीटिंग (CBT Metting) 4 मार्च को श्रीनगर में होगी. हालांकि उन्होंने कहा था कि मीटिंग की सूचना से संबंधित ई-मेल में ब्याज दर पर चर्चा का जिक्र नहीं है. इस बीच ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफओ कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्‍य निधि पर ब्‍याज दर 8.5 प्रतिशत थी. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन की वजह से ब्‍याज घटाने का फैसला लिया जा सकता है.

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2020 में घटाकर कर दिया सात साल का सबसे कम ब्‍याज 
ईपीएफओ ने मार्च 2020 में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्‍य निधि जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.5 प्रतिशत की थी. पिछले 7 सालों में यह सबसे कम ब्याज है. इससे पहले 2012-13 में ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत पर थीं. वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर सब्सक्राइबर्स को 8.65 प्रतिशत ब्याज मिला था. सब्सक्राइबर्स को ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए पीएफ जमा पर 8.65 प्रतिशत, 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत और 2015-16 के लिए 8.8 प्रतिशत ब्याज दिया था. वहीं, 2013-14 में पीएफ जमा पर 8.75 प्रतिशत का ब्याज मिलता था, जो वित्‍त वर्ष 2012-13 के लिए 8.5 प्रतिशत से अधिक था.