E-Shram scheme: श्रमिकों के खाते में आ गए 1000-1000 रुपए, ये है चैक करने का आसान तरीका
e-Shram : यदि आपने भी ई-श्रम योजना (e-Shram scheme)के अंतर्गत आवेदन किया है तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने पात्र श्रमिकों के खाते में भरण-पोषण भत्ते के 1000-1000 रुपए ट्रांसफर करने का
highlights
- कुछ श्रमिकों के खाते में सोमवार को ट्रांसफर की गई धनराशि
- सभी पंजीकृत कामगारों के खाते में इसी सप्ताह होना पूरा पैसा ट्रांसफर
- यूपी सरकार ने ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से मांगे थे पात्र कामगारों के आवेदन
नई दिल्ली :
e-Shram : यदि आपने भी ई-श्रम योजना (e-Shram scheme)के अंतर्गत आवेदन किया है तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi government of Uttar Pradesh) ने पात्र श्रमिकों के खाते में भरण-पोषण भत्ते के 1000-1000 रुपए ट्रांसफर करने का काम शुरु कर दिया है. जानकारी के मुताबिक सोमवार को भी लाखों खातों में पैसे ट्रांसफर किये गये. जिन श्रमिकों के खाते (workers' accounts) में अभी तक पैसा नहीं आया है तो परेशान होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि योगी सरकार पूरे सप्ताह कामगारों के खाते में पैसे भेजने का काम करेगी. यदि आपने भी ई-श्रम स्कीम (e-Shram scheme) के तहत आवेदन किया है तो आप अपने खाते का स्टेटस चैक कर लें . आपको बता दें कि ई-श्रम योजना से यूपी में करोड़ों मजदूरों की लिस्ट (Labor Department list ) श्रम विभाग ने तैयार की है.
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दरअसल, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने ई-श्रम पोर्टल (e-shram portal) के माध्यम से कामगारों का डाटा तैयार कराया था. जिस पर श्रम विभाग महिनों से काम भी कर रहा था. ताकि कोई पात्र कामगार योजना के लाभ से अछूता न रह जाए. आपको बता दें कि सोमवार को प्रदेश के 1.50 करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता राशि श्रमिकों के अकाउंट में ट्रासफर करने की सरकार की योजना थी. हालाकि सभी मजदूरों के खाते में अभी योजना का पैसा नहीं पहुंच सका है . ई-श्रम स्कीम के तहत योगी सरकार कामगारों को भरण प-पोषण भत्ते के रूप में 500 रुपए प्रति माह दिया जाना है. जिसका भुगतान श्रम विभाग हर दो माह में 1000 रुपए खातों में भेजकर करेगा.
ये लोग हैं पात्र
योजना के तहत सड़क किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं. इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं. कोरोना के पहले संक्रमण के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे आकर समाज के इस सबसे वंचित वर्ग की हर संभव मदद की थी. दूसरे चरण में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। कोविड महामारी के बीच जीवन और जीविका को सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रयासों के क्रम में शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया था.
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