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UP में मांसाहारियों के लिए बड़ा झटका, इन रास्तों पर नहीं बिकेगा नॅानवेज

अगर आप उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से हैं और मांसाहारी है तो आपके लिए बुरी खबर है. क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने कुछ मार्गों पर मांस बेचने पर पूर्णत: रोक लगा दी है.

Updated on: 11 Jul 2022, 10:26 AM

highlights

  • मुख्य सचिव गृह ने कांवड मार्गों पर मांस बेचने पर लगाई पूर्ण रूप से रोक
  • सभी जिलाधिकारियों को आदेश को अमल में लाने के दिये आदेश 

नई दिल्ली :

अगर आप उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से हैं और मांसाहारी है तो आपके लिए बुरी खबर है. क्योंकि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने कुछ मार्गों पर मांस बेचने पर पूर्णत: रोक लगा दी है. यही नहीं प्रदेश के गृह सचिव अवनीश अवस्थी (Home Secretary Avnish Awasthi) ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि कोई भी कांवड मार्ग (Kavand Marg) पर नॅानवेज की दुकान (non veg shop) खुली तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. आपको बता दें कि कोरोनाकाल (corona period) में कांवड़ यात्रा (kanwar yatra) बंद हो गई थी. जिसे एक बार फिर से खोल दिया गया है. यूपी सरकार सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने के साथ ही यात्रा के लिए निर्धारित मार्गों पर खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने को कदम उठा रही है. इसके पीछे सरकार उद्देश्य धार्मिक भावनाओं ठेस न पहुंचाना है. क्योंकि शिवभक्त जिन रास्तों से यात्रा के दौरान गुजरेंगे, यदि उन रास्तों पर मांस बिक्री की गई तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

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आपको बता दें कि 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की भी परंपरा शुरू हुई थी. योगी ने ही कांवड़ यात्रा में डीजे पर लगा प्रतिबंध भी हटाया था. भगवान शिव के भक्त, जिन्‍हें 'कांवड़िया' कहा जाता है, गंगा के तटों पर जाकर जल ले आते हैं और उसे अपने इलाके में स्थित मंदिरों से लेकर घरों तक में चढ़ाते हैं. हाल ही में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिवभक्तों के मार्ग में कही भी मांस की दुकानें न खोली जाएं. अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया, “मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा पूरे राज्य में सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से हो.

इन रास्तों पर रहेगा प्रतिबंधित 
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, हरिद्वार (उत्तराखंड) पहुंचने के लिए लाखों श्रद्धालु पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और बागपत जिलों से गुजरते हैं. दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान से कांवड़िये उत्तराखंड पहुंचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 58 का रास्ता अपनाते हैं. यह राजमार्ग गौतम बौद्ध नगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ से होकर गुजरता है और रुड़की (उत्तराखंड) होते हुए हरिद्वार पहुंचता है. इसलिए इन सभी जनपदों के कांवड मार्ग से मीट की दुकानों को पूरी तरह बंद रखने के निर्देश सरकार ने दिए हैं.