BSY: अब बेटियां पैरेंट्स पर नहीं बनेंगी बोझ, जन्म से लेकर पढ़ाई तक का खर्च उठाएगी सरकार

Balika Samriddhi Yojana: बेटिया अब किसी भी मां-बाप पर बोझ नहीं बनेंगी. क्योकि अब पैदा होते ही बेटी की पूरी परवरिस की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार (central government) की होगी. जी हां आपको बता दें कि सरकार ने बेटियों की दशा सुधारने के लिए ‘बालिका समृद्धि

Balika Samriddhi Yojana: बेटिया अब किसी भी मां-बाप पर बोझ नहीं बनेंगी. क्योकि अब पैदा होते ही बेटी की पूरी परवरिस की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार (central government) की होगी. जी हां आपको बता दें कि सरकार ने बेटियों की दशा सुधारने के लिए ‘बालिका समृद्धि

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Sunder Singh
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सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : News Nation)

Balika Samriddhi Yojana: बेटिया अब किसी भी मां-बाप पर बोझ नहीं बनेंगी. क्योकि अब पैदा होते ही बेटी की पूरी परवरिस की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार (central government) की होगी. जी हां आपको बता दें कि सरकार ने बेटियों की दशा सुधारने के लिए ‘बालिका समृद्धि योजना’ (Balika Samriddhi Yojana)की शुरुआत की थी. जिसके बाद बिटिया का घर में जन्म होते ही पढ़ाई तक का पूरा खर्च अब केन्द्र सरकार (central government) उठाएगी. योजना लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ (Beti padhao-beti badhao)नारे को साकार करना भी बताया जा रहा है.  हालाकि देश में भूर्ण हत्या (feticide) रोकने की ओर भी सरकार का ये अहम कदम माना जा रहा है. वैसे तो योजना की शुरुआत सन 1997 में की थी. लेकिन जानकारी के अभाव में आज भी लाखों परिवार योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

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दरअसल, बालिका समृद्धि योजना (BSY) का लाभ लेने के लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं. जैसे एक घर की सिर्फ 2 ही बेटियों को बीएसवाई के तहत लाभ मिल पाएगा. इसके अलावा योजना का लाभ लेने के लिए बिटिया का जन्म  15 अगस्त 1997 के बाद हुआ हो. क्योंकि योजना की शुरुआत 1997 में की गई थी. जिसमें अब कुछ बदलाव किया गया है. योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना था. लेकिन आज भी जानकारी के अभाव में लाखों ऐसे परिवार हैं जो स्कीम का  लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

बालिका समृद्धि योजना?
आपको बता दें कि साल 1997 में BSY स्कीम की शुरुआत की गई थी. जिसमें बिटिया के जन्म और शिक्षा के लिए सरकार ने आर्थिक योगदान देने का प्रस्ताव पास किया था. जैसे बेटी के जन्म के वक्त उसकी मां को सरकार की ओर से 500 रुपए की धनराशि देने के प्रावधान है. साथ ही पढ़ाई के लिए स्कॅालरशिप देने की बात कही गई है. अब सरकार ने योजना में कुछ बदलाव किया है. जैसे  बिटिया यदि 18 साल की नहीं है तो धनराशि  को विड्राल नहीं किया जा सकता. साथ ही बेटी की बालिग होने से पहले शादी कर दी जाती है तो योजना के तहत जमा हुआ पैसा वापस सरकारी खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. 

ऐसे खाते में आएगी धनराशि 
कक्षा 1 से लेकर 3 तक बिटिया के खाते में 300 रुपए सालाना धनराशि डाली जाती है. कक्षा 4 में प्रवेश लेने पर ये धनराशि बढ़कर 500 रुपए हो जाती है. कक्षा पांच में 600 रुपए, 6वीं में 700, 7वीं में भी 700 रुपए ही धनराशि खाते में जमा होगी. कक्षा आठ में राशि बढ़कर 800 रुपए व 9वीं आते ही 1000 रुपए सालाना सरकार जमा करती है. योजना का लाभ लेने के लिए निकटवर्ति आंगनवाडी केन्द्र में लिखवा सकते हैं. हालाकि इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रता भी रखी है. जैसे जन्म लेने वाली बच्ची कोई इनकम टैक्स पे न करता हो. साथ ही परिवार के पास बीपीएल कार्ड भी होना अनिवार्य है.

HIGHLIGHTS

  • सरकार बेटियों के लिए शुरू की खास योजना, जन्म से लेकर पढ़ाई तक सभी खर्च उठाएगी सरकार 
  • बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओं  के नारे को सरकार ने किया साकार 

Source : News Nation Bureau

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