Hydrogen Train : भारत के लिए आज यानी सोमवार का दिन बहुत खास है. क्योंकि आज देश को पहली हाइड्रोजन ट्रेन मिलने वा वाली है. यह हाइड्रोजन ट्रेन सोमवार यानी 31 मार्च से पटरी पर दौड़ लगाएगी. दिल्ली डिवीजन के 89 किलोमीटर लंबे जींद-सोनीपत रूट पर चलने वाली इस ट्रेन का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. खास बात यह है कि इस हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन लखनऊ के अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन ने तैयार किया है.
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देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का खासियत
देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन का खासियत की बात करें तो इसमें एक साथ 2638 लोग यात्रा कर सकते हैं. इस ट्रेन में 8 यात्री कोच होंगे. यानी की ट्रेन में एक बार में ही 2638 यात्री यात्रा कर सकेंगे. पैसेंजर कोच के अलावा ट्रेन में दो हाइड्रोजन सिलेंडर को कोच भी होंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चेन्नई के इंटेग्रल कोच फैक्ट्री में इस ट्रेन के इंटीग्रेशन का काम चल रहा है. रफ्तार की बात करें तो हाइड्रोजन ट्रेन की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत से पहले जर्मनी और चीन जैसे देश भी हाइड्रोजन फ्यूल पर काम कर चुके हैं. हालांकि इस प्रोजेक्ट पर बड़े पैमाने पर कहीं पर भी प्रयोग सफल नहीं रहा.
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1000 किलोमीटर तक 140 प्रति घंटा की रफ्तार
आरडीएसओ अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी केवल जर्मनी ही ऐसा देश है, जिसमें हाइड्रोजन ट्रेन दो बोगियों के साथ चल रही है. आपकी जानकारी के लिए के बता दें कि जर्मनी की कोराडिया आईलिंट हाइड्रोज ईंधन सेल द्वारा संचालित विश्व की पहली पैसेंजर ट्रेन हैं. यह ट्रेन चलने के दौरान आवाज तो कम करती ही है, इससे निकासी के तौर पर भाप और संघनित पानी निकलता है. क्षमता की बात करें तो यह ट्रेन एक बार में 1000 किलोमीटर तक 140 प्रति घंटा की रफ्तार पर दौड़ सकती है.