बहुत बुरी खबर: अभी-अभी देश के इस कद्दावर नेता हुआ निधन, राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप

देश के दिग्गज नेता के निधन की खबर सामने आई है, नेता के निधन की खबर से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई और राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

देश के दिग्गज नेता के निधन की खबर सामने आई है, नेता के निधन की खबर से समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई और राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

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Mohit Sharma
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अभी-अभी देश के इस कद्दावर नेता हुआ निधन, राजनीतिक गलियारों में मचा हड़कंप

आज यानी बुधवार को देश के एक दिग्गज नेता के निधन की खबर सामने आई है. बड़े नेता के निधन से जहां समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. नेता के निधन की खबर सुनते ही पक्ष और विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ देश की जानी-मानी शख्सियतों को उनके घर पर तांता लग गया. लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. यहां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सीकर की. सीकर के पूर्व विधायक और स्वतंत्रता सेनानी रणमल सिंह का आज 102 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने अपने पैतृक गांव कटराथल में अंतिम सांस ली. 

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कई बड़े नेताओं ने जताया दुख

रणमल के कद्दावर नेता थे और अपने अंतिम समय तक राजनीति में सक्रिय थे. रणमल को एक किसान नेता के रूप में भी जाना जाता है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यपाल हरी  भाऊ बागड़े ने पिछले दिनों ही उनसे मुलाकात  की थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व विधायक रणमल सिंह का कल यानी गुरुवार को उनके पैतृक गांव कटराथल में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके निधन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, महादेव सिंह खंडेला और सांसद अमराराम समेत  कई बड़े नेताओं ने दुख प्रकट किया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रणमल सिंह 1977 में कांग्रेस के टिकट पर सीकर विधानसभा से विधायक चुने गए थे. 

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ऐसा रहा राजनीतिक सफर

इसके अलावा उन्होंने 1955 से 1992 तक कटराथल के सरपंच के तौर पर 5 बार सेवा की. रणमल 1965 से 1977 तक पिपराली पंचायत समिति के प्रधान भी रहे. इसके साथ ही उन्होंने सीकर सहकारी भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली. वह स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रहे. रणमल 1941 से 1944 तक एक शिक्षक थे और स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी. 

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